Rajasthan Cabinet Meeting: लोकतंत्र में कानून केवल कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होते, बल्कि ये समाजिक और नैतिक मूल्यों का प्रतिबिंब होते हैं। (Rajasthan Cabinet Meeting)जब समाज की विविधता और नींव पर कोई संकट आ जाए, तब उसे सुरक्षित रखने के लिए कठोर निर्णय लेना जरूरी हो जाता है। हाल ही में आयोजित राजस्थान कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए धर्मांतरण विरोधी बिल को मंजूरी दी गई। यह बिल जबरन धर्मांतरण पर कड़ी रोक लगाने और नागरिकों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा करने के उद्देश्य से पेश किया गया है।
यह विधेयक केवल एक कानून नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और सह-अस्तित्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अंतर्गत जबरन धर्मांतरण करने वालों को 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है, जबकि स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने के लिए 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देना अनिवार्य होगा। यह बिल आगामी बजट सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा और यह लोकतंत्र और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए सरकार का मजबूत संकल्प है।
धर्मांतरण विरोधी बिल को मंजूरी
कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी बिल को मंजूरी दी, जिसमें जबरन धर्मांतरण के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि यह विधेयक विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। इसमें प्रमुख प्रावधान हैं:
- जबरन धर्मांतरण पर सजा: लालच या धमकाकर धर्म परिवर्तन कराने पर 1 से 5 साल तक की सजा।
- नाबालिग और एससी-एसटी वर्ग: इस वर्ग के धर्मांतरण पर 3 से 10 साल तक की सजा।
- समूह में धर्म परिवर्तन: संगठित तरीके से या बार-बार धर्मांतरण कराने पर कड़ी सजा।
- स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन: मर्जी से धर्म परिवर्तन करने पर 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देना अनिवार्य।
लव जिहाद के खिलाफ कानूनी प्रावधान
इस बिल में लव जिहाद को भी परिभाषित किया गया है। अगर कोई व्यक्ति शादी के माध्यम से किसी को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता है, तो इसे लव जिहाद माना जाएगा और उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आरएसी कॉन्स्टेबल भर्ती के नियमों में बदलाव
राजस्थान पुलिस में आरएसी (राजस्थान आर्म्ड कांस्टेबुलरी) और मेवाड़ भील कोर में कांस्टेबल भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता को 10वीं से बढ़ाकर 12वीं पास कर दिया गया है।
- यह बदलाव भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और गुणवत्ता को बढ़ावा देगा।
- पहले इन विभागों में 10वीं पास योग्यता आवश्यक थी, जबकि अब यह 12वीं पास हो गई है।
भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरण की मंजूरी
राज्य सरकार ने भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरण स्थापित करने को मंजूरी दी है।
- इससे इन शहरों में योजनाबद्ध और सुव्यवस्थित शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
7वें राज्य वित्त आयोग का गठन
कैबिनेट ने 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन को स्वीकृति दी, जो 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक कार्य करेगा।
- इसका उद्देश्य राज्य के वित्तीय संसाधनों का उचित वितरण और प्रबंधन सुनिश्चित करना है।