Permanent Education Number (PEN) in Rajasthan: राजस्थान के सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 1.50 करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को अब एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को बेहतर तरीके से प्रबंधित करना और फर्जी डिग्री और डिप्लोमा पर रोक लगाना है। इस यूनिक आईडी को परमानेंट एजुकेशन नंबर (पीईएन) (Permanent Education Number (PEN) in Rajasthan) कहा जाएगा, जो 12 अंकों का होगा। छात्र इसे अपनी शैक्षणिक पहचान के रूप में आजीवन इस्तेमाल कर सकेंगे।
फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
वर्तमान में कई भर्ती प्रक्रियाओं में फर्जी डिग्री और डिप्लोमा से नौकरी पाने के मामले सामने आ चुके हैं। एक यूनिक नंबर होने से यह सुनिश्चित होगा कि छात्र ने कहां, कब, और किस संस्थान से पढ़ाई की है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त अविचल चतुर्वेदी ने इस प्रक्रिया के लिए आदेश जारी कर दिए हैं और तैयारी शुरू कर दी गई है।
आधार कार्ड अनिवार्य
अपार आईडी के लिए छात्रों के पास आधार कार्ड होना जरूरी होगा। इसके साथ ही, यू डाइस प्लस पोर्टल पर छात्र का डेटा स्कूल द्वारा सत्यापित होना चाहिए। जिन छात्रों के पास आधार कार्ड नहीं है, उन्हें जल्द से जल्द आधार बनवाना होगा, क्योंकि इसके बिना आईडी जनरेट नहीं हो सकेगी।
अपार आईडी के फायदे
छात्रों के शैक्षणिक इतिहास का विस्तृत और स्थायी रिकॉर्ड बनेगा।
इसे डिजि लॉकर से जोड़ा जाएगा, जहां छात्र की सभी शैक्षणिक उपलब्धियां एक ही जगह पर उपलब्ध होंगी।
छात्र आसानी से स्थानांतरण, कौशल, नौकरी, और उच्च शिक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे।
इसे शैक्षणिक क्रेडिट बैंक (एबीसी) से भी जोड़ा जा सकेगा।
भर्तियों में दस्तावेज सत्यापन सरल हो जाएगा, और फर्जी डिग्री पकड़ी जा सकेगी।
केंद्र सरकार की योजना
केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सभी छात्रों के लिए यूनिक आईडी बनाने पर जोर दिया है। इसके तहत अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) का कार्य शुरू किया गया है, जिसे यू-डाइस प्लस पोर्टल से जोड़ा जाएगा। शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए यह पोर्टल सक्रिय रहेगा और छात्रों के सत्यापित डेटा के बाद ही पीईएन जनरेट होगा।




































































