Rajasthan By-Elections: राजस्थान में उपचुनावों (Rajasthan By-Elections)की तारीख की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। केवल 10 दिन में नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर नजदीक है, जिससे सभी पार्टियों की प्राथमिकताएं बदल गई हैं। अब उन्हें जल्द से जल्द अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित करने के साथ-साथ प्रभावी प्रचार रणनीतियों को भी तैयार करना है। इस प्रतिस्पर्धी माहौल में, हर पार्टी अपनी ताकत और समर्थन को बढ़ाने के लिए जुटी हुई है।
1. दौसा विधानसभा सीट
दौसा सीट गुर्जर-मीणा बाहुल्य है, जहां किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट का अच्छा खासा प्रभाव है। यहाँ किरोड़ी लाल मीणा के छोटे भाई जग मोहन मीणा बीजेपी से मजबूत दावेदारी कर रहे हैं। इसके अलावा, अगर पूर्व विधायक मुरारी लाल मीणा की पत्नी को टिकट मिलती है, तो बीजेपी के लिए यह चुनौती बन सकती है।
2. देवली-उनियारा विधानसभा सीट
यह सीट भी गुर्जर-मीणा बाहुल्य है और सचिन पायलट के प्रभाव में मानी जाती है। कांग्रेस के नेता हरीश मीणा और उनके परिवार का यहाँ महत्वपूर्ण असर है। बीजेपी को इस सीट पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
3. रामगढ़ विधानसभा सीट
यह सीट ध्रुवीकरण का एक बड़ा केंद्र है, जहाँ हिंदू और मुस्लिम वोटर लगभग बराबर हैं। जुबेर ख़ान की मृत्यु के बाद अगर उनकी पत्नी या बेटे को टिकट मिलती है, तो कांग्रेस को सहानुभूति का फायदा मिल सकता है। वहीं, ज्ञान देव आहुजा के लिए यह सीट चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है।
4. झुंझुनूं विधानसभा सीट
जाट बाहुल्य यह सीट वर्षों से कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। यहाँ ओला परिवार के किसी सदस्य को टिकट मिलना बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। माली मतदाताओं की संख्या को देखते हुए बीजेपी माली प्रत्याशी पर दांव खेल सकती है।
5. खींवसर विधानसभा सीट
यह सीट हनुमान बेनीवाल का गढ़ मानी जाती है। यहाँ कांग्रेस और RLP के बीच गठबंधन होने पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। बेनीवाल अपनी पार्टी से छोटे भाई या पत्नी को चुनाव लड़वा सकते हैं, जबकि बीजेपी में रेवतराम डांगा का नाम चर्चा में है।
6. सलूंबर विधानसभा सीट
यह आदिवासी बाहुल्य सीट है और बीजेपी के लिए इसे बनाए रखना चुनौतीपूर्ण रहेगा। बीजेपी अविनाश मीणा को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड खेल सकती है, लेकिन कांग्रेस के पास आदिवासी चेहरा न होने से यहाँ स्थिति चुनौतीपूर्ण होगी।
7. चौरासी विधानसभा सीट
इस सीट पर बाप पार्टी का दबदबा है। भारत आदिवासी पार्टी पहले ही यहाँ से किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करने का एलान कर चुकी है। यहाँ त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है, जिसमें बीजेपी महेंद्र जीत सिंह मालवीय को और कांग्रेस तारा चंद भगोरा को टिकट दे सकती है।































































