भाजपा में सोशल इंजीनियरिंग या एक जाति का वर्चस्व? 44 साल में 16 नेता, कहानी खुद बयां कर रही!

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BJP Rajasthan

 BJP Rajasthan : राजस्थान की राजनीति में जातीय समीकरण हमेशा से सत्ता के केंद्र में रहे हैं। खासकर भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर जातीय वर्चस्व का सवाल बार-बार उठता रहा है। ( BJP Rajasthan )क्या पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी विशेष वर्ग को ही प्राथमिकता दी जाती रही है, या यह केवल संयोग है?

भाजपा के 44 वर्षों का सफर

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठन के बाद से राजस्थान में प्रदेशाध्यक्ष पद पर ब्राह्मण नेताओं का प्रभाव काफी मजबूत रहा है। 6 अप्रैल 1980 को बनी भाजपा ने अब तक प्रदेश में पांच बार सरकार बनाई, जबकि एक बार जनसंघ ने 1977-80 तक गठबंधन की सरकार चलाई थी। पार्टी के इस 44 साल के सफर में मदन राठौड़ सोलहवें प्रदेशाध्यक्ष बने हैं।

भाजपा प्रदेशाध्यक्षों में जातीय समीकरण

राजस्थान भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष पद पर ब्राह्मण समाज का खासा प्रभाव रहा है। पार्टी ने 44 वर्षों में 16 प्रदेशाध्यक्ष बनाए, जिनमें से 7 ब्राह्मण नेता इस पद पर रहे और लगभग 24 वर्षों तक इस पद को संभाला। अन्य जातीय समीकरणों की बात करें तो दो कायस्थ, दो राजपूत, दो वैश्य, एक जाट और अन्य जातियों के नेताओं को भी यह जिम्मेदारी दी गई।

भाजपा के ब्राह्मण प्रदेशाध्यक्षों की सूची

  • हरिशंकर भाभड़ा (1981-86)
  • ललित किशोर चतुर्वेदी (1988-89, 2003-06)
  • भंवरलाल शर्मा (1986-88, 2000-02)
  • डॉ महेश चंद शर्मा (2006-08)
  • रघुवीर सिंह कौशल (1997-99)
  • अरुण चतुर्वेदी (2009-13)
  • डॉ सीपी जोशी (2023-24)

भैरोंसिंह शेखावत: कभी प्रदेशाध्यक्ष नहीं बने

राजस्थान भाजपा के सबसे दिग्गज नेता और तीन बार मुख्यमंत्री रहे भैरोंसिंह शेखावत प्रदेशाध्यक्ष पद पर कभी नहीं बैठे। 1977-80, 1990-92 और 1993-98 तक उन्होंने मुख्यमंत्री पद संभाला, लेकिन संगठन में उन्हें यह जिम्मेदारी नहीं दी गई।

वसुंधरा राजे: दो बार मुख्यमंत्री, दो बार प्रदेशाध्यक्ष

वसुंधरा राजे राजस्थान भाजपा की पहली और एकमात्र नेता हैं, जो दो बार मुख्यमंत्री बनने के साथ-साथ दो बार प्रदेशाध्यक्ष भी रहीं। उनके नेतृत्व में भाजपा ने दोनों बार भारी बहुमत से जीत हासिल की।

राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्षों की सूची

  1. जगदीश प्रसाद माथुर (1980-81)
  2. हरिशंकर भाभड़ा (1981-86)
  3. भंवरलाल शर्मा (1986-88, 2000-02)
  4. ललित किशोर चतुर्वेदी (1988-89, 2003-06)
  5. रामदास अग्रवाल (1990-97)
  6. रघुवीर सिंह कौशल (1997-99)
  7. गुलाबचंद कटारिया (1999-2000)
  8. वसुंधरा राजे (2002-03, 2013-14)
  9. डॉ महेश चंद शर्मा (2006-08)
  10. ओमप्रकाश माथुर (2008-09)
  11. अरुण चतुर्वेदी (2009-13)
  12. अशोक परनामी (2014-18)
  13. मदनलाल सैनी (2018-19)
  14. डॉ सतीश पूनिया (2019-23)
  15. डॉ सीपी जोशी (2023-24)
  16. मदन राठौड़ (2024-वर्तमान)

राजस्थान भाजपा के मुख्यमंत्री

  1. भैरोंसिंह शेखावत (1977-80, 1990-92, 1993-98)
  2. वसुंधरा राजे (2003-08, 2013-18)
  3. भजनलाल शर्मा (2023 से वर्तमान)

भाजपा में जातीय समीकरण…आगे की राजनीति

राजस्थान भाजपा में जातीय समीकरण हमेशा से प्रभावशाली रहे हैं। पार्टी का नेतृत्व अधिकांश समय ब्राह्मण नेताओं के हाथों में रहा, लेकिन अब देखना होगा कि भविष्य में पार्टी इस ट्रेंड को जारी रखेगी या नए समीकरणों को अपनाएगी। 2028 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा को नए सिरे से संगठनात्मक समीकरण बैठाने होंगे। सवाल यह है कि क्या पार्टी नेतृत्व इस परंपरा को तोड़कर किसी अन्य जातीय वर्ग से प्रदेशाध्यक्ष चुनेगी, या फिर वही पुरानी नीति जारी रहेगी? अगर भाजपा जातीय विविधता को अपनाती है, तो यह संगठन के लिए एक बड़ी सियासी चाल साबित हो सकती है।

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