Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र बीते कई दिनों से ठप पड़ा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बढ़ते टकराव के पीछे क्या वजहें हैं, इस पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि गतिरोध का असली कारण कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी है।(Rajasthan Assembly Budget Session) उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को इस राजनीतिक संकट के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने अपनी जिम्मेदारी निभाई होती तो सदन में गतिरोध समाप्त हो जाता।
तीन दौर की बातचीत के बावजूद गतिरोध क्यों बरकरार?
मंत्री खर्रा ने बताया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म करने के लिए सोमवार को तीन दौर की बातचीत हुई थी। समझौते के तहत—
- पहले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को अपनी बात रखनी थी।
- फिर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल जवाब देते।
- इसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को विशेष अनुमति दी जाती, ताकि वे अपनी सफाई दे सकें और खेद प्रकट कर सकें।
लेकिन डोटासरा के बयान ने पूरे समझौते को बिगाड़ दिया। मंत्री खर्रा का कहना है कि उन्होंने खेद प्रकट करने के बजाय विपक्ष को भड़काने वाला बयान दिया, जिससे सत्ता पक्ष नाराज हो गया और मामला फिर से बिगड़ गया।
क्या कांग्रेस खुद अपने पैरों पर मार रही कुल्हाड़ी?
राजस्थान की कांग्रेस सरकार पहले से ही कई आंतरिक कलहों से जूझ रही है। अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट गुट की लड़ाई के बाद अब विधानसभा में भी पार्टी की अंदरूनी राजनीति साफ दिखाई दे रही है। भाजपा ने इस मुद्दे को लपकते हुए कांग्रेस पर हमला बोला है और आरोप लगाया है कि कांग्रेस खुद ही सदन को सुचारू रूप से नहीं चलने दे रही।
भाजपा ने डोटासरा को बनाया निशाना
भाजपा ने इस मामले में डोटासरा को कठघरे में खड़ा कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि कांग्रेस विधानसभा में अपनी एकजुटता साबित करने के लिए इस पूरे विवाद को जबरन खींच रही है। भाजपा प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधानसभा को राजनीतिक अखाड़ा बनाकर लोकतंत्र की अवहेलना कर रही है।
आगे क्या होगा?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह गतिरोध जल्द खत्म नहीं हुआ तो यह राजस्थान सरकार के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है। सरकार का पूरा ध्यान बजट पारित कराने पर होना चाहिए, लेकिन फिलहाल वह विपक्ष से निपटने और अपनी ही पार्टी के नेताओं को संभालने में उलझी हुई है।