PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए। यह दौरा न केवल भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने वाला है, बल्कि भारत और खाड़ी देशों के बढ़ते संबंधों का भी प्रतीक है। यह प्रधानमंत्री मोदी का सऊदी अरब का तीसरा दौरा है, जबकि इससे पहले 2016 और 2019 में वह रियाद जा चुके थे। (PM Modi)खास बात यह है कि भारत के सभी प्रधानमंत्रियों ने पिछले सात दशकों में केवल तीन बार ही सऊदी अरब का दौरा किया था। प्रधानमंत्री मोदी का यह खाड़ी देशों के लिए 15वां दौरा है, जो इस बात को दर्शाता है कि पिछले एक दशक में भारत ने इस क्षेत्र के साथ अपने राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को गंभीरता से मजबूत किया है।
भारत-सऊदी संबंधों में नया मोड़
2014 में प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता संभालने के बाद से ही ‘एक्ट वेस्ट’ नीति के तहत खाड़ी देशों के साथ संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। सऊदी अरब, जो ऊर्जा, व्यापार, निवेश और भारतीय प्रवासी समुदाय के लिहाज से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, के साथ भारत ने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें रक्षा सहयोग, सुरक्षा, ऊर्जा साझेदारी और निवेश बढ़ाने जैसे विषय शामिल हैं।
निवेश और रणनीतिक साझेदारी पर फोकस
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी परिषद की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें व्यापार, तकनीक, ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही भारत में सऊदी अरब के निवेश को लेकर अहम घोषणाएं की जा सकती हैं।
भारतीय समुदाय को मिलेगा संदेश
सऊदी अरब में लगभग 26 लाख भारतीय प्रवासी रह रहे हैं, जो भारत और सऊदी अरब के बीच सांस्कृतिक सेतु का काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यात्राओं में प्रवासी भारतीयों से संवाद हमेशा एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है। इस बार भी वे भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे और सरकार की योजनाओं तथा प्रवासी कल्याण के प्रयासों के बारे में जानकारी साझा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा सिर्फ एक कूटनीतिक पहल नहीं है, बल्कि यह भारत की वैश्विक भूमिका और खाड़ी देशों के साथ बदलते रिश्तों की ओर इशारा करती है। भारत अब खाड़ी देशों के साथ संबंधों को सिर्फ तेल और व्यापार तक सीमित नहीं रख रहा, बल्कि एक व्यापक रणनीतिक दृष्टिकोण से इन्हें आकार दे रहा है।