Delhi Politics: नई दिल्ली विधानसभा सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवेश वर्मा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। उन्होंने 30,088 वोटों के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 4,000 से अधिक वोटों से हराया। (Delhi Politics)कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित को मात्र 4,568 वोट मिले, जिससे यह साफ हो गया कि इस सीट पर मुकाबला पूरी तरह से बीजेपी और AAP के बीच था।
केजरीवाल को सबसे बड़ा झटका
2013, 2015 और 2020 में लगातार तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज करने वाले अरविंद केजरीवाल को इस बार करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। यह हार न सिर्फ केजरीवाल बल्कि पूरी आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है। दिल्ली की राजनीति में यह एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है, क्योंकि यह सीट आप पार्टी का गढ़ मानी जाती थी।
खाटू श्याम मंदिर पहुंचे प्रवेश वर्मा
जीत के बाद प्रवेश वर्मा सबसे पहले बाबा खाटू श्याम के दर्शन करने पहुंचे। वहां उन्होंने कहा कि उनकी जीत बाबा श्याम की कृपा और जनता के समर्थन से संभव हुई है। इस दौरान मंदिर कमेटी ने उन्हें सम्मानित भी किया। उन्होंने बाबा श्याम के दर्शन कर आशीर्वाद लिया और अपनी नई राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की।
दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री की रेस में प्रवेश वर्मा सबसे आगे
चुनाव परिणाम आने के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि प्रवेश वर्मा दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं। उनकी इस बड़ी जीत के बाद बीजेपी में भी उनके नाम पर मंथन शुरू हो गया है। प्रवेश वर्मा के राजनीतिक अनुभव और उनके पिता साहिब सिंह वर्मा की विरासत को देखते हुए उन्हें दिल्ली का भावी नेतृत्व सौंपे जाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
साहिब सिंह वर्मा की विरासत को आगे बढ़ाएंगे प्रवेश
प्रवेश वर्मा का राजनीतिक सफर उनके पिता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा की विरासत से जुड़ा है। साहिब सिंह वर्मा 1996 से 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे थे और बीजेपी के मजबूत नेता माने जाते थे। अब उनके बेटे प्रवेश वर्मा की यह जीत बीजेपी को दिल्ली में नई ऊर्जा देने का काम कर सकती है।