Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में कार्पेट का रंग बदलने को लेकर अब सियासी तकरार छिड़ गई है। बुधवार को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भाजपा की भजनलाल सरकार पर जमकर हमला बोला। उनका कहना है कि पहले विधानसभा में हरा रंग का कार्पेट किसानों और हरियाली का प्रतीक था, (Rajasthan Politics)लेकिन अब उसे बदलकर गुलाबी रंग कर दिया गया है, जो राजसी ठाठ-बाट का प्रतीक नजर आता है। जूली ने इस कदम को सरकार की ऐश्वर्य और खर्चीली राजनीति का उदाहरण बताते हुए कड़ी आलोचना की।
गुलाबी कार्पेट पर कांग्रेस का विरोध, सरकार पर सवाल
टीकाराम जूली ने गुलाबी कार्पेट को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए इसे ‘राजसी ठाठ बाट’ का प्रतीक बताया है। उनका कहना है कि पहले हरा रंग किसान और हरियाली का प्रतीक था, लेकिन अब गुलाबी रंग को राजनीति और सरकार के ऐश्वर्य का प्रतीक बना दिया गया है। जूली ने इस बदलाव को सरकार की गरीब विरोधी नीति से जोड़ते हुए यह सवाल उठाया कि क्या सरकार को लोगों की मूलभूत समस्याओं से कोई फर्क नहीं पड़ता?
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने में सरकार की असफलता?
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के अंदर ही मतभेद और विफलताएं उभरकर सामने आ रही हैं। जूली ने मंत्री जवाहर सिंह बेढम के बयान को खारिज करते हुए कहा कि जब सरकार अपने ही मंत्रियों के विवादों को सुलझा नहीं पा रही है, तो वह कैसे जनता के मुद्दों पर ध्यान दे सकती है? उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा देने की इच्छा एक और संकेत है कि सरकार अंदर से कमजोर हो चुकी है।
संसदीय कार्यवाही में बदलाव, डिजिटल युग की ओर
राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान डिजिटल कार्यवाही की शुरुआत का भी जोरदार स्वागत किया जा रहा है। विधानसभा में इस बार विधायकों को आई-पैड दिए जाएंगे, जो डिजिटल कार्यवाही के साथ-साथ पारदर्शिता और गति को बढ़ावा देंगे। हालांकि, राजनीतिक दलों के बीच इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है। कांग्रेस इसे सरकारी खर्चों की बढ़ोतरी का कारण मानती है, जबकि भाजपा इसे आगे की ओर एक महत्वपूर्ण कदम मान रही है।