Lok Sabha Committee: मुंबई में विधान भवन में आयोजित लोकसभा की अनुमान समिति के हीरक जयंती राष्ट्रीय सम्मेलन में शाही दावत को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ( Lok Sabha Committee)लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया, लेकिन अब यह आयोजन खाने की कीमतों और खर्च को लेकर सवालों के घेरे में है।
सादगी की बात करने वाली समिति ने उड़ाए 27 लाख रुपये?
सोशल एक्टिविस्ट विजय कुंभार ने आरोप लगाया है कि इस सम्मेलन में 27 लाख रुपये सिर्फ खाने पर खर्च किए गए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस आयोजन में आए मेहमानों को चांदी की प्लेटों में खाना परोसा गया, जिनकी प्रति प्लेट कीमत ₹550 थी, और खाने की प्रति व्यक्ति लागत ₹4,500 बैठी।
600 मेहमानों के लिए राजसी स्वागत, जनता का पैसा बर्बाद?
कुंभार ने लिखा कि देशभर से आए करीब 600 मेहमानों के स्वागत में शाही इंतजाम किए गए। इनमें होटल ताज पैलेस और होटल ट्राइडेंट में ठहरने की व्यवस्था, 40 फीट ऊंचे स्वागत बोर्ड, मलमल के मंडप, झूमर और लाल कालीन शामिल थे।
‘शाही समारोह या जनता की गाढ़ी कमाई की बर्बादी?’
सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों में पूछा जा रहा है कि जो समिति सादगी और मितव्ययिता की बात करती है, वह खुद कैसे जनता के टैक्स के पैसों का इस तरह दुरुपयोग कर सकती है? विजय कुंभार का आरोप है कि यह जनभावनाओं और नैतिकता के खिलाफ है।
राजनीतिक हमला: शिवसेना और कांग्रेस का हमला
कांग्रेस के एक विधायक ने सरकार पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि सरकार गरीबों के लिए बजट नहीं निकाल पाती, लेकिन राजनीतिक अभिजात वर्ग पर दिल खोलकर खर्च करती है।
शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, “महाराष्ट्र में हो रहा भ्रष्टाचार इतना विशाल है कि इसकी तुलना दुनिया के किसी भी घोटाले से नहीं की जा सकती। यह दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है।”
जनता के मन में सवाल
इस पूरे आयोजन को लेकर आम जनता में रोष है। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि क्या जनता की मेहनत की कमाई का ऐसा दुरुपयोग करना जायज़ है, और क्या इससे लोकतंत्र की छवि धूमिल नहीं होती?