Raja Raghuwanshi: इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या की गुत्थी सुलझाने में मेघालय पुलिस की एसआईटी को नवविवाहित दंपती द्वारा सोशल मीडिया पर तस्वीरें न पोस्ट करना पहला बड़ा सुराग मिला। एसआईटी ने इस व्यवहार को संदिग्ध मानते हुए 42 वीडियो फुटेज की जांच की। इन फुटेज से दंपती की गतिविधियों और आवाजाही का अध्ययन किया गया, जिससे केस में निर्णायक सबूत मिले।( Raja Raghuwanshi) मेघालय पुलिस ने इस केस की जांच को अनौपचारिक रूप से ‘ऑपरेशन हनीमून’ नाम दिया। चूंकि आरोपी नवविवाहित जोड़ा 11 मई को शादी के बाद हनीमून पर आया था, इसलिए यह कोड नाम तय किया गया।
राजा की सोशल मीडिया पर रात 2:15 बजे पोस्ट
राजा की मौत के बाद उनके सोशल मीडिया अकाउंट से देर रात पोस्ट किए गए, जिससे संदेह और गहराया। जांच में यह पोस्ट जानबूझकर गुमराह करने के लिए की गई साबित हुई। सीसीटीवी फुटेज से सामने आया कि सोनम ने हत्या से पहले करीब 10 किलोमीटर दूर सुपारी किलर से मुलाकात की थी।
कामाख्या मंदिर के बहाने मेघालय ले गई
सोनम ने राजा को यह कहकर मेघालय चलने को राजी किया कि कामाख्या मंदिर में प्रसाद चढ़ाने से ही उनकी शादी पूर्ण होगी। योजना पहले नोंग्रियाट के जंगलों में हत्या की थी, लेकिन भारी भीड़ के चलते वेइसाडोंग फॉल्स के पास हत्या की गई। सोनम ने यह कहानी गढ़ी कि कुछ बदमाशों ने हमला किया और राजा उसे बचाते हुए मारे गए। लेकिन जांच में ये बयान साजिश के हिस्से के रूप में संदिग्ध पाए गए।
20 अधिकारियों की टीम ने जोड़े सुराग
शिलांग पुलिस और इंदौर क्राइम ब्रांच के 20 अधिकारियों ने अलग-अलग पहलुओं से केस की जांच की और कुछ ही दिनों में सोनम की सीधी संलिप्तता सामने आ गई। हत्या के बाद सोनम ने मावकडोक से शिलांग और फिर गुवाहाटी तक टैक्सी ली। फिर ट्रेन से इंदौर पहुंची और दो दिन तक फ्लैट में रही। बाद में गाजीपुर चली गई। सूत्रों के अनुसार, यदि सुपारी किलर हत्या में नाकाम रहते, तो सोनम खुद राजा को चट्टान से धक्का देने को तैयार थी।