Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान के सियासी गलियारों में इस समय मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में फेरबदल की चर्चाएं जोरों पर हैं। इन चर्चाओं को और अधिक बल मिला जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। (Rajasthan Cabinet Expansion)दोनों नेताओं ने इस दौरान पार्टी के अन्य दिग्गज नेताओं से भी मुलाकात की और फिर वापस लौट गए। अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जयपुर दौरा इन चर्चाओं को और तेज कर रहा है।
जेपी नड्डा का जयपुर दौरा और आगामी बैठक
राजस्थान में भजनलाल सरकार बनने के बाद यह पहला अवसर है जब जेपी नड्डा दो दिन के दौरे पर जयपुर आ रहे हैं। इससे पहले वे विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान जयपुर आए थे। नड्डा गुरुवार रात जयपुर एयरपोर्ट पहुंचें । इसके बाद शुक्रवार दोपहर 2 बजे बीजेपी कार्यालय में प्रमुख बीजेपी पदाधिकारियों और नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम दिया कुमारी, डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा सहित कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल हो सकते हैं। यह बैठक मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में फेरबदल पर महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है।
भजनलाल कैबिनेट में 6 मंत्री पदों की खाली सीटें
राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं और मंत्रियों की संख्या कुल सदस्यों के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती, यानी यहां अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में भजनलाल सरकार में 24 मंत्री हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री को अपनी कैबिनेट में 6 और मंत्रियों को शामिल करने का अवसर मिल सकता है। भजनलाल सरकार ने हाल ही में अपना एक साल का कार्यकाल पूरा किया है, और पिछले महीने राज्य में हुए उपचुनावों में बीजेपी को 7 सीटों में से 5 पर जीत मिली है। इस जीत का प्रभाव मंत्रिमंडल विस्तार पर भी देखा जा सकता है।
मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा में आए नाम
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कई नाम चर्चा में हैं, जिनमें पूर्व मंत्री कालीचरण सर्राफ, अनीता भदेल, श्रीचंदेल कृपलानी और पुष्पेंद्र सिंह राणावत के नाम प्रमुख हैं। इसके अलावा विधायक जयदीप बियानी, आदूराम मेघवाल, हंसराज मीणा, रामविलास मीणा और गोवर्धन वर्मा का नाम भी चर्चा में है। बिलारा के बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अर्जुन गर्ग के नाम की भी चर्चा हो रही है। अर्जुन गर्ग वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं, और अगर उन्हें मंत्री बनाया जाता है, तो इससे वसुंधरा राजे की स्थिति मजबूत हो सकती है।