kota news: कोटा शहर में पुलिसिया ज़्यादती का एक और शर्मनाक मामला सामने आया है। बाइक हटाने के एक मामूली विवाद में थाना प्रभारी (SHO) ने एक दुकानदार को बीच सड़क थप्पड़ मार दिया, जिससे वह वहीं बेहोश हो गया। यह घटना न सिर्फ प्रशासन की संवेदनहीनता दिखाती है, (kota news)बल्कि इस सवाल को भी जन्म देती है – आख़िर आम आदमी को मारने का हक पुलिस को किसने दिया?
क्या है मामला?
घटना कोटा शहर के व्यस्त बाज़ार क्षेत्र की है। सड़क पर खड़ी बाइक को हटाने को लेकर SHO और एक दुकानदार के बीच बहस हो गई। चश्मदीदों के मुताबिक, बिना किसी चेतावनी के SHO ने दुकानदार को जोरदार थप्पड़ मार दिया। थप्पड़ लगते ही वह ज़मीन पर गिर पड़ा और बेहोश हो गया। आसपास के लोगों ने तुरंत एंबुलेंस बुलाकर उसे अस्पताल पहुंचाया।
SHO पर केस, DSP को जांच
घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया। लोगों ने थाने के सामने विरोध प्रदर्शन किया और SHO को हटाने की मांग की। पुलिस अधीक्षक (SP) ने घटना की गंभीरता को देखते हुए SHO के खिलाफ केस दर्ज किया है और जांच की जिम्मेदारी उप पुलिस अधीक्षक (DSP) को सौंपी है।
बड़ा सवाल: क्या पुलिस कानून से ऊपर है?
यह कोई पहला मामला नहीं है जब पुलिस ने जनता के साथ बदसलूकी की हो। सवाल उठता है —
क्या पुलिस बल में जवाबदेही खत्म हो चुकी है?
क्या ड्यूटी के नाम पर अब आम नागरिकों को पीटना सामान्य हो गया है?
जनता अब जवाब मांग रही है — सिर्फ जांच नहीं, सज़ा भी हो।