Kavach Upgrade Version Inspection: केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव मंगलवार को कोटा रेल मंडल के दौरे पर आएंगे। वो स्पेशल ट्रेन से जयपुर पहुंचेंगे और वहां से सवाई माधोपुर जाएंगे, जहां Kavach के अपग्रेडेड वर्जन 4.0 की टेस्टिंग और Kavach 4.0 trial run का हिस्सा बनेंगे। शाम 4 बजे वे सवाई माधोपुर से बूंदी जिले के इंद्रगढ़ सुमेरगंजमंडी रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। इस दौरान पश्चिम मध्य रेल की महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय और कोटा डीआरएम मनीष तिवारी समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
मिशन रफ्तार और कवच 4.0: सुरक्षा की नई दिशा
वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि Mission Raftaar project के तहत नागदा-मथुरा खंड में 545 किमी की दूरी 2665.14 करोड़ रुपये की लागत से तय की जा रही है। इस परियोजना में कवच का विशेष योगदान है, जो ट्रेन सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। कवच के लागू होने के बाद सिग्नल से जुड़े मानवीय भूलों से होने वाली दुर्घटनाओं से हमेशा के लिए निजात मिल सकेगी।
कोटा मंडल में कवच 4.0 की स्थापना और ट्रायल
भारतीय रेलवे पर सबसे पहले पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन में 16 सितंबर को कोटा-सवाई माधोपुर के बीच 108 किमी के खंड पर भारत की स्वदेशी ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) प्रणाली कवच वर्जन 4.0 को स्थापित किया गया। इस प्रणाली का ट्रायल रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव करेंगे।
कवच 4.0 के ट्रायल रन में होने वाले परीक्षण
इस ट्रायल रन के दौरान, 36 किमी लंबे सवाई माधोपुर-इंदरगढ़ सुमेरगंजमंडी सेक्शन में कवच का निरीक्षण होगा। इसमें समपार फाटक पर ऑटो व्हिसलिंग, ब्लॉक सेक्शन में लोको ओवरस्पीड पर कवच सिस्टम, रेड सिग्नल की स्थिति में पासिंग एट डेंजर रोकथाम, लूप लाइन स्पीड कंट्रोल टेस्ट, और सिग्नलों की लोको कवच स्क्रीन पर मॉनिटरिंग की जांच की जाएगी।
कवच: पूरी तरह से ऑटोमेटिक ट्रेन सेफ्टी प्रणाली
रोहित मालवीय ने बताया कि कवच एक पूरी तरह से ऑटोमेटिक ट्रेन सेफ्टी प्रणाली है, जो टकराव रोकने की क्षमता प्रदान करती है। यह सिग्नल पासिंग एट डेंजर की स्थिति को रोकने में सक्षम है और आवश्यकतानुसार स्वचालित गति प्रतिबंध लागू करती है। कवच प्रणाली लोको पायलट को इन-कैब सिग्नलिंग देती है, जिससे ट्रेनें कोहरे में भी सुरक्षित रूप से चल सकेंगी।