Diwali 2024 date decision by scholars: दीपावली, जिसे रोशनी का पर्व भी कहा जाता है, हर वर्ष लाखों भक्तों द्वारा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है, लेकिन कई बार इसकी सही तिथि को लेकर भ्रांतियाँ (Diwali 2024 date decision by scholars)उत्पन्न होती हैं। इस वर्ष भी, दीपावली की सही तिथि को लेकर विभिन्न मत और संदेह थे। ऐसे में, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर में आयोजित एक विशेष धर्मसभा में इस पर्व की सही तिथि का ऐतिहासिक निर्धारण किया गया है।
गुलाबी नगर जयपुर में आयोजित इस धर्मसभा में अखिल भारतीय विद्वत् परिषद् के तत्त्वावधान में देशभर के ज्योतिषाचार्य, धर्मशास्त्री और संस्कृत के विद्वान एकत्रित हुए। शास्त्रों में वर्णित संदर्भों के अनुसार उन्होंने 31 अक्टूबर 2024 को दीपावली मनाने का फैसला किया, जिससे पूरे भारत और विश्व में सनातन धर्म अनुयायियों के बीच एकता और समर्पण का भाव प्रकट होगा।
विशेष धर्मसभा में शास्त्रों के आधार पर हुआ निर्णय
दीपावली पर्व निर्धारण के विषय पर आयोजित धर्मसभा के संयोजक प्रो. मोहनलाल शर्मा ने जानकारी दी कि इस विशेष धर्मसभा की अध्यक्षता जयपुर के वरिष्ठतम ज्योतिषाचार्य प्रो. रामपाल शास्त्री ने की।
हाथोजधाम पीठाधीश्वर एवं विधायक बालमुकुंदाचार्य महाराज, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय निदेशक प्रो. सुदेश शर्मा, प्रो. अर्कनाथ चौधरी, प्रो. भास्कर श्रोत्रिय, प्रो. ईश्वर भट्ट, पंडित विनोद शास्त्री समेत 100 से अधिक विद्वान धर्मसभा में सम्मिलित हुए।
31 अक्टूबर को ही क्यों होगी दीपावली?
धर्मसभा में ज्योतिषीय गणनाओं, पंचांगों और शास्त्रीय प्रमाणों के आधार पर गहन विचार-विमर्श हुआ। विद्वानों ने सूर्य सिद्धांत के आधार पर यह निर्णय लिया कि 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी।
विद्वानों ने तर्क दिया कि इसी दिन अमावस्या का प्रदोष काल प्रारंभ हो रहा है, जो पूरे दिन और रात तक रहेगा। लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल सर्वश्रेष्ठ माना गया है, इसलिए 31 अक्टूबर को दीपमालिका पर्व मनाना शास्त्रों के अनुसार उचित रहेगा।