Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में लश्कर-ए-तैयबा की शाखा “द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF)” ने 28 लोगों को गोली मार दी। (Pahalgam Terror Attack) इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। आतंकवाद की निंदा करने में पक्ष-विपक्ष के नेता एक सुर में थे, लेकिन कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का बयान विवादों में घिर गया।
वाड्रा का विवादास्पद बयान
23 अप्रैल को ANI से बातचीत में रॉबर्ट वाड्रा ने पहलगाम हमले की निंदा तो की, लेकिन उनका बयान बहुत ही राजनीतिक और विवादित हो गया। उन्होंने कहा, “मेरी संवेदनाएं 28 मृतकों के परिवारों के साथ हैं। यह कायरतापूर्ण कृत्य है, मगर देश का माहौल इसके लिए जिम्मेदार है।”
वाड्रा ने यह भी कहा कि मस्जिदों में नमाज पढ़ने से रोका जा रहा है और मुस्लिम समुदाय को अल्पसंख्यकों पर की जा रही आलोचनाओं से ठेस पहुंच रही है। उनके अनुसार, “आतंकियों ने पहचान देखकर गोली मारी, क्योंकि उन्हें लगता है कि मुसलमान दबाए जा रहे हैं। यह पीएम के लिए संदेश है कि अल्पसंख्यक कमजोर महसूस कर रहे हैं।“
हिंदू-मुस्लिम तनाव पर वाड्रा का बयान
वाड्रा ने हिंदू-मुस्लिम तनाव को भी इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि “जब तक धर्म और राजनीति अलग नहीं होंगे, और हम एकजुट व धर्मनिरपेक्ष नहीं होंगे, ऐसे हमले होते रहेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि “हिंदू-मुस्लिम विभाजन आतंकी संगठनों को कमजोरी दिखाता है, जिसका फायदा सीमापार देश उठाते हैं।”
वाड्रा के बयान पर सियासी हंगामा
वाड्रा के बयान को लेकर सियासी तूफान मच गया। कई लोगों ने उनके बयान को आतंकवाद को जायज ठहराने वाला और पाकिस्तान की लाइन को समर्थन देने वाला बताया।
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने वाड्रा की आलोचना करते हुए कहा कि वह आतंकियों को क्लीन चिट दे रहे हैं और हिंदुओं को दोषी ठहरा रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इसे “शर्मनाक” करार दिया और कहा कि इस बयान से आतंकवादियों को बल मिलता है।
प्रियंका गांधी की चुप्पी और वाड्रा का बचाव
प्रियंका गांधी ने पहलगाम हमले को “मानवता के खिलाफ अपराध” बताया, लेकिन वाड्रा के बयान पर चुप्पी साध ली। कुछ लोग वाड्रा का बचाव करते हुए कह रहे हैं कि उन्होंने आतंकवाद का समर्थन नहीं किया, बल्कि सांप्रदायिक तनाव पर सवाल उठाए थे।
वाड्रा के बयान पर खड़े सवाल
वाड्रा का बयान अब बड़े सवाल खड़े कर रहा है। क्या हिंदू-मुस्लिम तनाव आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, या यह बयान आतंकियों की जिम्मेदारी को कम करने की कोशिश है? कश्मीर के लोग शोक में हैं और “ग्रेटर कश्मीर” जैसे अखबारों ने अपने फ्रंट पेज पर गुस्से में काले बैनर लगाए हैं। क्या वाड्रा का बयान सांप्रदायिक एकता की बात करता है, या यह सियासी फायदे के लिए दिया गया?