गुरु की जगह जल्लाद! PTI ने दलित छात्र को सड़क पर घसीटकर पीटा, गुस्से में जनता

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Baran Crime News

Baran Crime News: राजस्थान के बारां जिले के पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां शारीरिक शिक्षक रवि बिंदल ने 15 वर्षीय छात्र सुनील मीणा को जमीन पर गिराकर बेरहमी से पीटा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक,(Baran Crime News) शिक्षक ने छात्र को लात-घूंसों से तब तक मारा जब तक वह बेहोश होकर गिर नहीं पड़ा। बावजूद इसके, शिक्षा विभाग ने अब तक आरोपी शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जबकि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पानी पीने पर शिक्षक को आया गुस्सा

इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। बताया जा रहा है कि कक्षा 10 के छात्र सुनील मीणा को प्रार्थना सभा के दौरान प्यास लगी थी, इसलिए वह पानी पीने के लिए निकला। लेकिन जैसे ही शिक्षक रवि बिंदल ने उसे देखा, वह अचानक गुस्से में आ गया और बिना किसी चेतावनी के सुनील की बेरहमी से पिटाई कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस दौरान कोई भी छात्र या स्टाफ सदस्य शिक्षक को रोक नहीं सका।

परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत

छात्र के परिजनों को स्कूल प्रशासन द्वारा घटना की सूचना दी गई, जिसके बाद वे तुरंत स्कूल पहुंचे और गंभीर रूप से घायल सुनील को अस्पताल लेकर गए। डॉक्टरों के अनुसार, छात्र के शरीर पर कई गंभीर चोटें आई हैं और उसे चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है। इस घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने कवाई सालपुरा थाने में शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कराया।

सड़क पर गिराकर पीटा, इंसाफ की मांग

पीड़ित छात्र सुनील मीणा ने बताया कि प्रार्थना के दौरान जब वह पानी पीने जा रहा था, तभी शिक्षक ने उसे पकड़ लिया और बिना वजह उसे बेरहमी से पीटने लगा। देखते ही देखते उसने सुनील को स्कूल के सामने सड़क पर गिरा दिया और लात-घूंसों से मारना जारी रखा। सुनील के पिता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे के साथ घोर अन्याय हुआ है और प्रशासन दोषी शिक्षक को सजा दिलाने में देरी कर रहा है।

इलाके में गुस्सा, आरोपी की गिरफ्तारी की मांग

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने आरोपी शिक्षक की तत्काल गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की है। शिक्षा विभाग की चुप्पी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। क्या अब भी जातीय भेदभाव की मानसिकता जिंदा है, जहां एक छात्र को सिर्फ पानी पीने की वजह से अमानवीयता का शिकार बनना पड़ा? पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है, लेकिन क्या प्रशासन उनकी सुनवाई करेगा? यह देखना अब बेहद अहम हो गया है।

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