खेल के नाम पर भ्रष्टाचार!भरतपुर खिलाड़ियों ने सेक्रेटरी पर लगाए गंभीर आरोप, सरकार से न्याय मांगा!”

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Bharatpur Cricket Corruption

Bharatpur Cricket Corruption: राजस्थान के भरतपुर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव शत्रुघ्न तिवारी पर गहरा संकट मंडरा रहा है। खिलाड़ियों के एक समूह ने उन पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जयपुर में मुख्यमंत्री और खेल मंत्री के कार्यालय का रुख किया है। (Bharatpur Cricket Corruption)शिकायत में दावा किया गया है कि तिवारी ने बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों से मोटी रकम लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए और उन्हें राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया। वहीं, राज्य के स्थानीय खिलाड़ियों को उनके हक से वंचित कर दिया गया, यहां तक कि उनका टीए-डीए भी हड़प लिया गया।

इस मामले में खिलाड़ियों ने ठोस सबूत प्रस्तुत किए हैं और शत्रुघ्न तिवारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। दूसरी ओर, तिवारी ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया है। अब देखना यह है कि खेल के इस विवाद का अंत न्याय पर होता है या राजनीति पर।

 

सेक्रेटरी ने मुझसे मांगे पैसे: खिलाड़ी का आरोप

राजस्थान स्टेट अंडर-19 चैंपियनशिप के खिलाड़ी राजू ने खुलासा किया कि सेक्रेटरी शत्रुघ्न तिवारी ने उससे टीम मैनेजर को टीए और डीए के पैसे देने का दबाव बनाया। राजू ने बताया कि टूर्नामेंट के दौरान बारिश के कारण उनका मैच रद्द हो गया, लेकिन बीसीसीआई ने 4147 रुपये का भुगतान किया। तिवारी ने फोन कर उससे 2000 रुपये देने की मांग की। पैसे न देने पर उन्हें धमकी दी गई कि वे भविष्य में भरतपुर से कभी नहीं खेल पाएंगे। राजू ने मुख्यमंत्री और खेल मंत्री को कॉल रिकॉर्डिंग के सबूत के साथ न्याय की गुहार लगाई।

भविष्य खराब करने की धमकियां: सौरभ का बयान

भरतपुर के खिलाड़ी सौरभ कुमार गोदारा ने कहा कि उन्हें क्वार्टर फाइनल में खेलने के लिए 2000 रुपये का भुगतान करने का दबाव बनाया गया। उन्होंने बताया कि टूर्नामेंट खत्म होने के बाद मिले टीए और डीए में से भी 1500 रुपये मांगे गए। पैसे न देने पर तिवारी ने धमकी दी कि वे भरतपुर से क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। सौरभ का दावा है कि टीम के सभी खिलाड़ियों से इसी तरह की वसूली की जाती है, लेकिन करियर खराब होने के डर से कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा।

फर्जी दस्तावेजों से टीम में बाहरी खिलाड़ी

भरतपुर में क्रिकेट एकेडमी के संचालक मोनू सत्येंद्र रौतवार ने आरोप लगाया कि तिवारी फर्जी दस्तावेज बनाकर आगरा और अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को राजस्थान से खिलाते हैं। कार्तिक शर्मा, अनमोल शर्मा, कुश सोलंकी, ध्रुव, अनुज पाराशर, और दिलीप सिंह जैसे खिलाड़ियों के नाम इस भ्रष्टाचार में सामने आए हैं। मोनू ने कहा कि शत्रुघ्न तिवारी अपने दोस्त अवधेश खटाना के साथ एसआर क्रिकेट एकेडमी चलाते हैं और खिलाड़ियों पर इस अकादमी में शामिल होने का दबाव बनाते हैं।

खिलाड़ियों का टीए-डीए भी नहीं छोड़ा

खिलाड़ियों का आरोप है कि तिवारी ऑनलाइन पेमेंट के कारण जबरन वसूली नहीं कर सके, तो उन्होंने टीए-डीए हड़पने का नया तरीका अपनाया। खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री और खेल मंत्री को सबूत सौंपते हुए तिवारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

मुझ पर लगे आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित: तिवारी का पक्ष

सेक्रेटरी शत्रुघ्न तिवारी ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ने सिर्फ 16 खिलाड़ियों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए थे, जबकि टीम में 20 खिलाड़ी थे। इसलिए, पैसों का समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए कुछ खिलाड़ियों से राशि मांगी गई। तिवारी ने कहा कि उनका भरतपुर के क्रिकेट के प्रति समर्पण अटूट है और वे झूठे आरोपों से डरने वाले नहीं हैं।

सरकार से न्याय की उम्मीद

खिलाड़ियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने शत्रुघ्न तिवारी को बर्खास्त कर निष्पक्ष जांच कराने की अपील की है। अब देखना यह है कि इस विवाद का नतीजा क्या होता है और खिलाड़ियों को कब न्याय मिलता है।

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