Barmer Crime News: राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में नशे की तस्करी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं, लेकिन इस बार का मामला सबसे चौंकाने वाला है। “भारत सरकार” लिखी एक कैश वैन, जो आमतौर पर बैंकों में नकदी पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होती है, इसका इस्तेमाल डोडा-पोस्त की तस्करी के लिए किया जा रहा था! पुलिस ने आधी रात को छापेमारी कर इस गाड़ी को पकड़ा तो सच सामने आया।(Barmer Crime News) वैन से 80 लाख रुपए कीमत का 730 किलो डोडा-पोस्त, 12 बोर की राइफल, 7 जिंदा कारतूस और सिक्योरिटी गार्ड की यूनिफॉर्म बरामद हुई। यह सिर्फ एक तस्करी नहीं, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने के लिए बिछाया गया सुनियोजित जाल था।
हालांकि, पुलिस कार्रवाई के दौरान आरोपी फरार हो गए, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। यह खुलासा न सिर्फ तस्करी के खतरनाक नेटवर्क को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि अपराधी अब सरकारी पहचान का दुरुपयोग कर कानून से बचने के नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं।
कैसे पुलिस तक पहुंची तस्करी की भनक?
गुड़ामालानी थानाधिकारी देवीचंद ढाका ने बताया कि नशे के सौदागर नए-नए तरीके अपनाकर पुलिस को चकमा देने की कोशिश कर रहे हैं। 22 मार्च की रात पुलिस को सूचना मिली थी कि सुनील, सुरेंद्र और नरेश नाम के तीन युवक बड़ी मात्रा में नशे की खेप ले जाने वाले हैं। इसके लिए उन्होंने कैश वैन का उपयोग किया, जो आमतौर पर बैंकों और एटीएम में नकदी पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होती है। सूचना मिलते ही पुलिस ने बिना समय गंवाए गुड़ामालानी के भोलानगर गांव में दबिश दी।
आरोपी पुलिस के पहुंचने से पहले फरार
गांव के एक खेत में नरेश पुत्र जबराराम के मकान में वैन छुपाई गई थी। पुलिस जब वहां पहुंची तो यह देखकर दंग रह गई कि वैन पूरी तरह से एक असली कैश ट्रांजिट व्हीकल की तरह मोडिफाई की गई थी। हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपी वहां से फरार हो चुके थे। जांच में पता चला कि उसी रात इस वैन से नशे की खेप सप्लाई की जानी थी। बदमाशों ने कैश वैन को इसलिए चुना क्योंकि इसे आमतौर पर चेकिंग से छूट मिलती है, लेकिन पुलिस की सतर्कता से उनका यह प्लान फेल हो गया।
सीसीटीवी कैमरों और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
थानाधिकारी देवीचंद ढाका ने बताया कि असली कैश वैन की तरह इस वैन में भी हाई-सिक्योरिटी सिस्टम लगा हुआ था। वैन में जालीदार खिड़कियां, सीसीटीवी कैमरे और सिक्योरिटी गार्ड की यूनिफॉर्म रखी गई थी ताकि किसी को शक न हो। पुलिस को वैन से 738 किलो डोडा-पोस्त, 12 बोर की राइफल और 7 जिंदा कारतूस भी मिले। आमतौर पर राइफल और कारतूस सिक्योरिटी गार्ड्स के पास होते हैं, लेकिन इस मामले में इन्हें भी अपराध को छुपाने के लिए इस्तेमाल किया गया।
अब पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दे रही है और इस बड़े तस्करी नेटवर्क की तह तक जाने के लिए छानबीन कर रही है।