Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते आज यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से श्रद्धालुओं की आवाजाही बंद कर दी गई है।(Amarnath Yatra) भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 21 जुलाई तक जम्मू-कश्मीर में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है और भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। कई अंडरपास पानी में डूबे हुए हैं, जिससे आवागमन बाधित हो रहा है।
दो रूट, दो अनुभव: बालटाल और पहलगाम के रास्ते
बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा तक दो मुख्य रास्ते हैं:
- पहलगाम मार्ग: यह अनंतनाग जिले से शुरू होता है और कुल 36 से 48 किमी लंबा है। यह रास्ता धीमा लेकिन बुजुर्गों के लिए सुरक्षित माना जाता है।
- बालटाल मार्ग: गांदरबल जिले से शुरू होने वाला यह रास्ता 16 किमी लंबा है। तेज ढलान होने के कारण यह कठिन लेकिन तेज़ है।
दोनों मार्गों पर सेना, CRPF, पुलिस और पैरामिलिट्री बल पूरी तरह तैनात हैं। सुरक्षा और चिकित्सा सहित हर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
यात्रा की अवधि और खास जानकारी
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई थी और 9 अगस्त 2025 तक चलेगी। यह यात्रा 38 दिन की है, जबकि आमतौर पर यह 52 दिन की होती है। पहले दिन 5485 श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए निकले थे।
581 CAPF कंपनियों के लगभग 70,000 जवान यात्रा मार्गों पर तैनात हैं। 1 जुलाई से 10 अगस्त तक दोनों मार्गों पर नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है।
सुरक्षा पुख्ता, ऑपरेशन ‘शिवा’ हुआ सक्रिय
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रा को लेकर ऑपरेशन शिवा</strong शुरू किया गया है। जंगल से सटे क्षेत्रों में विशेष रूप से जैमर लगाए गए हैं और प्रत्येक गतिविधि पर सुरक्षा बलों की कड़ी नजर है।
प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें, किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और स्थानीय प्रशासन के संपर्क में रहें। यात्रा को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं।