अलवर में धर्मांतरण का बड़ा खुलासा, पुलिस ने 52 बच्चों को बचाया, दो गिरफ्तार!

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religious conversion gang
 

religious conversion gang: राजस्थान के अलवर जिले में धर्मांतरण के खिलाफ पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाया है। पुलिस ने एक मिशनरी हॉस्टल में रेड डालकर 52 बच्चों को मुक्त किया, जिनके बारे में आरोप है कि उन्हें धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जा रहा था। हॉस्टल में बच्चों को नफरत और घृणा के पाठ पढ़ाए जा रहे थे, विशेष रूप से दूसरे धर्मों के प्रति।(religious conversion gang) इस रेड के दौरान बच्चों में भय और हड़बड़ी का माहौल था, और पुलिस ने मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई धर्मांतरण के आरोपों को लेकर पुलिस के द्वारा की गई एक बड़ी कार्रवाई को दर्शाती है।

हॉस्टल में क्या सिखाया जा रहा था?

हॉस्टल से छुड़ाए गए बच्चों के अनुसार, यहां बच्चों को दूसरे धर्म के प्रति नफरत और घृणा सिखाई जा रही थी। उन्हें यह बताया जा रहा था कि भगवान को मानने से नर्क मिलेगा और मूर्तियों को पानी में डूबाने के बाद यह दिखाया जाता कि क्रॉस नहीं डूबता।

किस समुदाय के बच्चे थे?

चुड़ाए गए बच्चों में हिंदू, मुस्लिम और सिख समाज के बच्चे शामिल थे। इनमें से 8-9 बच्चे दिल्ली के निवासी थे। सभी बच्चों की उम्र 6 से 17 साल के बीच थी और वे गरीब परिवारों से थे, जिन्हें शिक्षा के नाम पर यहां लाया गया था।

दो आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने अहमदाबाद निवासी अमृत सिंह और अलवर निवासी सोनू रायसिख को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि बच्चों को हॉस्टल में धार्मिक रूप से दबाव डालकर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जा रहा था। आरोपी पहले भी इस तरह के मामलों में पकड़े गए थे और जमानत पर बाहर आकर अलवर में फिर से इस गतिविधि में शामिल थे।

 

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