हॉस्टल में क्या सिखाया जा रहा था?
हॉस्टल से छुड़ाए गए बच्चों के अनुसार, यहां बच्चों को दूसरे धर्म के प्रति नफरत और घृणा सिखाई जा रही थी। उन्हें यह बताया जा रहा था कि भगवान को मानने से नर्क मिलेगा और मूर्तियों को पानी में डूबाने के बाद यह दिखाया जाता कि क्रॉस नहीं डूबता।
किस समुदाय के बच्चे थे?
चुड़ाए गए बच्चों में हिंदू, मुस्लिम और सिख समाज के बच्चे शामिल थे। इनमें से 8-9 बच्चे दिल्ली के निवासी थे। सभी बच्चों की उम्र 6 से 17 साल के बीच थी और वे गरीब परिवारों से थे, जिन्हें शिक्षा के नाम पर यहां लाया गया था।
दो आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने अहमदाबाद निवासी अमृत सिंह और अलवर निवासी सोनू रायसिख को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि बच्चों को हॉस्टल में धार्मिक रूप से दबाव डालकर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जा रहा था। आरोपी पहले भी इस तरह के मामलों में पकड़े गए थे और जमानत पर बाहर आकर अलवर में फिर से इस गतिविधि में शामिल थे।