Afghanistan Earthquake: बुधवार सुबह भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने हिंदू कुश क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (ईएमएससी) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र 121 किलोमीटर की गहराई पर था, (Afghanistan Earthquake)और इसके तेज झटके अफगानिस्तान के अलावा भारत, पाकिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, चीन और किर्गिस्तान जैसे देशों में भी महसूस किए गए। भारत में जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक धरती कांप उठी, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। लोग अपने घरों, दफ्तरों और इमारतों से बाहर खुले स्थानों की ओर दौड़ पड़े।
दिल्ली में भूकंप के झटकों से दहशत
भूकंप के झटके सुबह करीब 4:44 बजे (IST) महसूस किए गए, जो कुछ सेकंड तक जारी रहे। दिल्ली-एनसीआर, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में लोगों ने फर्नीचर, पंखे और अन्य सामान के हिलने की घटनाएं बताई।
नोएडा के एक निवासी ने कहा, “मैं सुबह सो रहा था, तभी अचानक बिस्तर हिलने लगा। डर के मारे हम परिवार सहित बाहर भागे।” दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी की रहने वाली राधिका ने बताया, “झटके इतने तेज थे कि टीवी और सोफा हिल रहे थे। मैंने तुरंत बच्चों को उठाया और बाहर की ओर दौड़ी।”
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भूकंप से संबंधित पोस्ट्स की बाढ़ आ गई। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “दिल्ली में सुबह-सुबह भूकंप के झटके! डर तो लगा, लेकिन शुक्र है कोई नुकसान नहीं हुआ।” कश्मीर से एक अन्य पोस्ट में लिखा गया, “सुबह की शांति को भूकंप ने तोड़ दिया।
धरती कांप रही थी, सब बाहर भागे।” इन पोस्ट्स में भूकंप की तीव्रता को लेकर अलग-अलग अनुमान लगाए गए, कुछ ने इसे 5.5 तो कुछ ने 6.9 तीव्रता का बताया, हालांकि आधिकारिक तौर पर ईएमएससी ने 6.4 तीव्रता की पुष्टि की।
हिंदू कुश क्षेत्र में क्यों आते हैं भूकंप?
अफगानिस्तान, जो भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन पर स्थित है, भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है। हिंदू कुश क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं, और इस बार भी इसका असर व्यापक रहा। भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने पुष्टि की कि झटके अफगानिस्तान के फैजाबाद से 106 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में केंद्रित थे।
हालांकि, भूकंप की गहराई अधिक होने के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान की संभावना कम रही। अब तक भारत, अफगानिस्तान या अन्य प्रभावित क्षेत्रों से किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है।भारत, जो भूकंपीय जोन IV और V में आता है, खासकर हिमालयी क्षेत्रों में, बार-बार ऐसी प्राकृतिक घटनाओं का सामना करता रहता है। यह घटना एक बार फिर लोगों को भूकंपरोधी इमारतों और आपदा प्रबंधन की तैयारियों की अहमियत याद दिलाती है।