आरोप क्या है?
पारिवारिक झगड़े से जुड़े मामले में पीड़ित की शिकायत पर सत्यापन करने पर पाया गया कि हेड कांस्टेबल ने आरोपी पक्ष को गिरफ्तार न करने और मामले में मदद देने के नाम पर कुल ₹30,000 की मांग की थी। सत्यापन के दौरान पहले से ली गई किस्तें भी मिलीं — पहले से तीन हजार और बाद में सात हजार ले लिए गए थे। शेष ₹20,000 आज देने पर आरोपी को थाने में ही धर-दबोचा गया।
कैसे पकड़ी गई?
एसीबी की टीम ने परिवादी के साथ निर्धारित इश्ते के अनुसार जब पैसे सौंपे तो संतोष कुमारी ने रकम अपनी खाकी स्वेटर की दाहिनी जेब में रख ली। उसी क्षण एसीबी ने उसे रेंज-हाथ पकड़ा और जेब से पूरी राशि बरामद कर ली।
एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में आरोपी से पूछताछ और कानूनी कार्रवाई जारी है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जिले के पुलिस विभाग में इस गिरफ्तारी से हलचल मची हुई है और उच्चस्तरीय जांच का संकेत दिया गया है।
इस कार्रवाई से साफ संदेश गया है कि ACB भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्क है और सरकारी सेवा में लगे किसी भी अधिकारी के दुरुपयोग पर कार्रवाई करेगा। साथ ही, यह मामला पुलिस में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है। आरोपी को तलब कर आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जायेगी। जांच में पाये गए और सबूतों, गवाहों व किसी संभावित संगठित भूमिका की पड़ताल की जाएगी। अभियोग सिद्ध होने पर संबंधित विभागीय और दंडात्मक कार्रवाई भी होगी।
































































