Bangladesh Navy: बांग्लादेश के कॉक्स बाजार से 214 रोहिंग्या लोग एक मछली पकड़ने वाली नाव में सवार होकर समुद्र के रास्ते निकले थे। ये लोग बंगाल की खाड़ी में पहुंच गए, जहां बांग्लादेश नेवी को उनकी गतिविधियों पर संदेह हुआ।( Bangladesh Navy)बांग्लादेश नेवी ने निगरानी के दौरान पाया कि ये रोहिंग्या मलेशिया की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे। नाव को रोकने के निर्देश दिए गए, लेकिन जब उन्होंने नहीं रोका, तो नेवी ने उन्हें घेरकर पकड़ लिया। इस घटना के बाद सभी को दोबारा बांग्लादेश पुलिस को सौंप दिया गया।
रोहिंग्या शरणार्थियों ने दिया मछली पकड़ने का बहाना
गिरफ्तार लोगों ने दावा किया कि वे सिर्फ मछली पकड़ने के लिए समुद्र में आए थे। लेकिन जब पुलिस ने जांच की, तो नाव में 118 पुरुष, 80 महिलाएं और करीब 20 बच्चे मिले। सवाल उठता है कि अगर उद्देश्य केवल मछली पकड़ना था, तो इतने बड़े समूह में क्यों आए थे?
म्यांमार में हिंसा के बाद शरणार्थी बने रोहिंग्या
साल 2017-18 में म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ भारी हिंसा हुई। जान बचाने के लिए लाखों लोग बांग्लादेश भागे और अब कॉक्स बाजार के शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।
अलग-अलग देशों में जाने की कोशिश
कॉक्स बाजार में रह रहे कई रोहिंग्या शरणार्थी बेहतर जीवन की तलाश में अन्य देशों की ओर जाने की कोशिश करते हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत कुछ लोग समुद्री रास्तों से मलेशिया जैसे देशों का रुख करते हैं।
अपराध में शामिल होने की खबरें और बढ़ती सतर्कता
कुछ रोहिंग्या शरणार्थियों के अपराधों में शामिल होने की खबरें भी सामने आई हैं, जिस कारण भारत सहित कई देशों ने इनके खिलाफ सतर्कता बढ़ा दी है। बांग्लादेश सरकार भी कई बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस समस्या के समाधान में मदद की अपील कर चुकी है।
गृह युद्ध की ओर बढ़ता म्यांमार और लड़ाका ब्रिगेड का दावा
‘द इंडिपेंडेंट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ रोहिंग्या शरणार्थी अब एक लड़ाका ब्रिगेड बना रहे हैं। इस ब्रिगेड का मकसद है कि मुस्लिम देशों की मदद से म्यांमार में एक नया गृह युद्ध शुरू किया जाए। म्यांमार में बढ़ता तनाव इस क्षेत्र में एक नए संकट को जन्म दे सकता है।