Deputy CM Bairwa false claims: राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा के पुत्र चिन्मय कुमार बैरवा की एक वायरल रील ने हाल ही में विवाद (Deputy CM Bairwa false claims) खड़ा कर दिया है। इस रील में चिन्मय बिना सीट बेल्ट लगाए और तेज रफ्तार से जीप चला रहे हैं। इस रील में कांग्रेस नेता पुष्पेन्द्र भारद्वाज का पुत्र कार्तिकेय भारद्वाज भी मौजूद था। दोनों दोस्त मिलकर रील बना रहे थे, जबकि उनके पीछे पुलिस का वाहन चल रहा था।
नाबालिग बताया गया चिन्मय को
इस विवाद के बाद, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने अपने पुत्र को नाबालिग बताया। चिन्मय ने अप्रैल 2024 में 18 वर्ष की आयु पूरी की थी, और जून 2024 में उनका ड्राइविंग लाइसेंस बना था। उनका यह बयान उन सवालों को जन्म देता है कि क्या युवा वाहन चालकों को सही दिशा-निर्देश और मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
आरटीओ की कार्रवाई
रील वायरल होने के बाद, आरटीओ जयपुर प्रथम ने चिन्मय कुमार बैरवा और कार्तिकेय भारद्वाज के खिलाफ कार्रवाई की। आरटीओ ने चिन्मय पर दो हजार रुपए का जुर्माना लगाया, क्योंकि उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी और तेज गति से वाहन चला रहे थे। इसके अलावा, वाहन मालिक कार्तिकेय को वाहन में अनधिकृत परिवर्तन करने के लिए आरसी निलंबित करने का नोटिस जारी किया गया।
दोनों को इस मामले में सात दिन का समय दिया गया था। चिन्मय कुमार बैरवा ने जुर्माना चुका दिया है, जबकि बुधवार को कार्तिकेय भारद्वाज के वाहन की आरसी निलंबित की जाएगी।
सड़क सुरक्षा पर उठते सवाल
यह घटना राजस्थान में सड़क सुरक्षा और युवा ड्राइविंग के मुद्दों पर फिर से ध्यान केंद्रित करती है। सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे युवा ड्राइवरों के लिए सुरक्षित ड्राइविंग का माहौल सुनिश्चित करें।
सड़क पर लापरवाही से चलाना न केवल चालक के लिए बल्कि अन्य राहगीरों के लिए भी खतरा बन सकता है। इस संदर्भ में, राज्य सरकार को जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है, ताकि युवा ड्राइवर सही तरीके से वाहन चला सकें और यातायात नियमों का पालन करें।