Henley Passport Index 2025: विदेश यात्रा करने के लिए हर देश के नागरिकों को वीजा की आवश्यकता होती है, और वीजा के बिना जिन देशों में यात्रा संभव है, उनका पासपोर्ट मजबूत माना जाता है। हाल ही में, Henley Passport Index ने दुनिया के देशों के पासपोर्ट की ताकतवरता पर आधारित एक नई रैंकिंग जारी की है, जिसमें पाकिस्तान का पासपोर्ट चौथे सबसे कमजोर के रूप में दर्ज किया गया है। (Henley Passport Index 2025)वहीं, भारत के पासपोर्ट ने इस रिपोर्ट में जबरदस्त छलांग लगाई है। आइए जानें, कौन से देश के पासपोर्ट सबसे कमजोर हैं और भारत ने कहां तक प्रगति की है।
पाकिस्तान की स्थिति
पाकिस्तान का पासपोर्ट 2025 में चौथे सबसे कमजोर पासपोर्ट के रूप में रैंक हुआ है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में पाकिस्तान के पासपोर्ट से नीचे केवल तीन देशों के पासपोर्ट हैं, जो हिंसा और गृहयुद्ध से जूझ रहे हैं। पाकिस्तान के नागरिक 32 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं, लेकिन इनमें अधिकांश प्रमुख और विकसित देश शामिल नहीं हैं।
दुनिया का सबसे कमजोर पासपोर्ट
पाकिस्तान के पासपोर्ट से भी कमजोर देशों के पासपोर्ट हैं। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, यमन और सोमालिया को 96वें स्थान पर रखा गया है, जबकि पाकिस्तान के पासपोर्ट का स्थान 95वें स्थान पर है। इसके अलावा, इराक (97वें स्थान), सीरिया (98वें स्थान), और अफगानिस्तान (99वें स्थान) भी इस लिस्ट में सबसे कमजोर पासपोर्ट वाले देशों के रूप में शामिल हैं।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स एक विश्व प्रसिद्ध रैंकिंग है, जो 199 देशों के पासपोर्ट की ताकत को मापता है। यह रैंकिंग यह बताती है कि किसी देश का पासपोर्ट अपने नागरिकों को कितने देशों में बिना वीजा, वीजा ऑन अराइवल, ई-वीजा या ट्रैवल परमिट से यात्रा करने की सुविधा देता है।
भारत का पासपोर्ट: एक नई सफलता
भारत के लिए इस रिपोर्ट में अच्छी खबर है। भारत ने 2024 के मुकाबले इस साल 8 स्थानों की छलांग लगाई है। भारतीय पासपोर्ट अब 77वें स्थान पर पहुंच गया है, जो पिछले साल 85वें स्थान पर था। इस सुधार के पीछे भारतीय नागरिकों को कई देशों में बिना वीजा के यात्रा करने की बढ़ती क्षमता है। वहीं, अमेरिका और ब्रिटेन के पासपोर्ट में गिरावट आई है, और वे क्रमशः 10वें और 6वें स्थान पर आ गए हैं।