संवैधानिक संकट की आहट? उपराष्ट्रपति धनखड़ का इस्तीफा, संसद में शोक, सियासी हलकों में हलचल

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Jagdeep Dhankhar Resignation

Jagdeep Dhankhar Resignation: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित औपचारिक पत्र में यह घोषणा की। अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि वे चिकित्सा सलाह के अनुसार कार्य कर रहे हैं और(Jagdeep Dhankhar Resignation) स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है। उनका इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत दिया गया है।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को कहा धन्यवाद

अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने राष्ट्रपति मुर्मू के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के साथ अपने अनुभवों को अनमोल बताया और कहा कि प्रधानमंत्री के सहयोग से उन्होंने अपने कार्यकाल में बहुत कुछ सीखा।

सांसदों का स्नेह बताया जीवन की पूंजी

उपराष्ट्रपति ने कहा कि संसद के सदस्यों से मिला स्नेह, सम्मान और विश्वास उनके लिए जीवन भर की अमूल्य धरोहर है। उन्होंने देश और लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था और कृतज्ञता जताई और कहा कि इस जिम्मेदारी ने उन्हें एक नया दृष्टिकोण दिया।

भारत की प्रगति पर जताया गर्व

धनखड़ ने भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका पर गर्व जताते हुए कहा कि इस परिवर्तनकारी युग का हिस्सा बनना उनके लिए सम्मान और संतोष की बात रही है। उन्होंने भारत के उज्ज्वल भविष्य में अटूट विश्वास जताया।

2022 में बने थे भारत के 14वें उपराष्ट्रपति

जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर यह चुनाव जीता था। उन्हें 528 वोट मिले थे जबकि अल्वा को 182 वोट प्राप्त हुए थे। इससे पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके थे और सार्वजनिक जीवन में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं।

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