Uttarakhand News : उत्तराखंड के चमोली जिले से करीब 50 किलोमीटर दूर कुंतरी लगा फाली गांव में बीते गुरुवार को भारी बारिश के कारण भूस्खलन ने भयानक तबाही मचाई। इस भूस्खलन में कांता देवी नामक महिला और उनके 10 साल के जुड़वां बेटों की दर्दनाक मौत हो गई। (Uttarakhand News ) शुक्रवार को जब रेस्क्यू टीम मलबे के नीचे से उन्हें निकाली, तो एक दिल दहला देने वाला मंजर सामने आया। कांता देवी अपनी दोनों बच्चों को बांहों में लिए हुए मलबे में दबी पाई गईं, जैसे वह आखिरी सांस तक अपने बच्चों को बचाने की कोशिश कर रही थीं।
परिवार के अन्य सदस्य भी मलबे में दबे
इस हादसे में पांच शव बरामद किए गए, जिनमें कांता देवी और उनके जुड़वां बेटों के शव भी शामिल थे। इस भूस्खलन में कांता देवी के पति कुंवर सिंह को गुरुवार को 16 घंटे की मेहनत के बाद जिंदा निकाला गया था, लेकिन अब वह न घर के मालिक हैं, न ही परिवार के। उनका घर पूरी तरह से तबाह हो गया है। NDRF और SDRF की टीमें पिछले 32 घंटों से मलबे में जीवन की तलाश कर रही थीं।
कुंतरी गांव के लोग अपनों को खोकर टूट गए
राहत और बचाव कैंपों में रहने वाले कुंतरी गांव के लोग सुबह अपनों की तलाश में गांव लौटे, लेकिन जब शवों को देखा तो वे टूट गए। गुरुवार को कुंतरी लगा फाली और आसपास के गांवों में पहाड़ से अचानक आई बाढ़ ने भारी नुकसान किया। नंदानगर से बाजबगड़ जाने वाली सड़क पर 4 जगहों पर भारी तबाही मची। पहाड़ों से निकलने वाली नदियों के जरिए मलबा बहकर आया, जिसने सड़कों को जाम कर दिया।
आसपास के गांवों में भी भारी तबाही
कुंतरी लगा फाली से आधा किलोमीटर दूर कुंतरी लगा सरपाणीं गांव में पहाड़ की चोटी से आई बाढ़ ने कई घरों को नष्ट कर दिया। एक घर के मलबे में दबकर पति-पत्नी की जान चली गई। पहाड़ की चोटी से आई बाढ़ ने उन घरों को भी नहीं बख्शा, जो सुरक्षित माने जाते थे। सूबेदार मेजर दिलबर सिंह रावत, जिन्होंने अपनी पत्नी को खो दिया, ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे गांव में ऐसा होगा। हमारी बस्ती तो सुरक्षित थी, लेकिन पहाड़ की चोटी से बाढ़ आना, यह किसी ने नहीं सोचा था। मेरी आंखों के सामने मेरी पत्नी मलबे में दब गई, और मैं कुछ नहीं कर सका।’