Amit Shah : लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर चर्चा के दौरान विपक्ष और सरकार के बीच जमकर तनातनी देखने को मिली। जैसे ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपना संबोधन शुरू किया, विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा करना शुरू कर दिया, जिससे सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया।
गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भारत के विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है, बल्कि वे पाकिस्तान जैसे देशों पर विश्वास करते हैं।( Amit Shah ) उन्होंने कहा, “यह दुखद है कि विपक्ष उन पर भरोसा नहीं करता जिन्होंने इस देश की शपथ ली है। इसलिए वे विपक्षी बेंचों पर बैठे हैं और अगले 20 साल तक वहीं बैठेंगे।”
विदेश मंत्री के बयान के दौरान विपक्ष का व्यवधान
अमित शाह ने विपक्षी बेंचों के व्यवधान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब विपक्ष के नेता बोल रहे थे, तो सरकार ने उन्हें ध्यान से सुना। लेकिन जैसे ही विदेश मंत्री ने बात करना शुरू किया, विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, “क्या यह विपक्ष को शोभा देता है?”
शाह ने तीखे लहजे में कहा कि विपक्ष सच को स्वीकार नहीं कर पा रहा। उन्होंने कहा, “हमने विपक्ष की बातें धैर्यपूर्वक सुनीं, लेकिन अब जब सच्चाई सामने आ रही है तो विपक्ष शोर मचा रहा है। यह तरीका लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन को संबोधित करते हुए बताया कि भारत आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर कायम है, विशेषकर जब बात पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की हो। उन्होंने कहा कि “22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।”
राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं
एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत की कार्रवाई पूरी तरह रणनीतिक और सख्त थी। उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद को प्रमुखता से उठा रहा है और उस पर ठोस कार्रवाई भी कर रहा है। जहां विपक्ष ने हंगामा कर सरकार के पक्ष को बाधित करने की कोशिश की, वहीं सरकार ने यह स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी। विदेश नीति और आतंरिक सुरक्षा पर सरकार का रवैया दृढ़ और निर्णायक बना हुआ है।