Tonk News: राजस्थान के कोटपूतली में जहां बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के लिए 6 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है, वहीं दूसरी ओर टोंक जिले में चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। (Tonk News )टीकाकरण के दौरान बच्चों को एक्सपायरी दवा पिला दी गई, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई।
रानोली पीएचसी पर एक्सपायरी दवा का इस्तेमाल
यह घटना टोंक जिले के पीपलू उपखंड के रानोली स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की है। यहां एक से तीन महीने के 7 बच्चों को टीकाकरण के बाद एक्सपायरी दवा दी गई। दवा देने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके चलते घबराए परिजन उन्हें निजी क्लीनिक ले गए।
सूखी दवा देकर की गई बड़ी चूक
पीएचसी पर 20 नवजात बच्चों का टीकाकरण किया गया। शुरू के 13 बच्चों को गोली दी गई, लेकिन गोली खत्म होने पर शेष 7 बच्चों को सूखी दवा ड्रॉप के रूप में दी गई। परिजनों ने बताया कि दवा पहले से ही सूखी और एक्सपायरी थी, जिससे बच्चों की तबीयत और बिगड़ गई।
छह महीने पहले खत्म हो चुकी थी दवा की वैधता
ग्रामीणों के अनुसार, दवा की एक्सपायरी डेट जुलाई 2024 थी, लेकिन इसे नष्ट करने के बजाय गलती से उपयोग कर लिया गया। एक ग्रामीण जगदीश मिश्रा के अनुसार, दवा देने के बाद उनका बच्चा जोर-जोर से रोने लगा और निजी अस्पताल में इलाज के बाद ठीक हो पाया।
दो साल से डॉक्टर का पद खाली
ग्रामीणों ने बताया कि रानोली पीएचसी में दो साल से डॉक्टर का पद खाली है। कम्पाउंडर को प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है, और टीकाकरण की तारीखों में भी लगातार बदलाव किया जा रहा है।
दोषियों पर होगी कार्रवाई
रानोली पीएचसी इंचार्ज कम्पाउंडर अशोक कुमार जांगिड़ ने गलती स्वीकारते हुए कहा कि एक्सपायरी दवा गलती से बच्चों को दे दी गई। वहीं, टोंक सीएमएचओ डॉ. अशोक कुमार यादव ने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है। ब्लॉक सीएमएचओ को जांच के निर्देश दिए गए हैं, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।