क्या सोशल मीडिया पर अब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग रुकेगा? सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी की वजह जानें!

125
supreme Court:

supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रभावशाली लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का व्यवसायीकरण करते हैं। उनकी टिप्पणियों से विविध समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचने की संभावना रहती है, जिसमें दिव्यांग, महिलाएं, बच्चे, वरिष्ठ नागरिक और अल्पसंख्यक शामिल हैं। (supreme Court)कोर्ट  रैना सहित सोशल मीडिया हास्य कलाकारों के खिलाफ विकलांग व्यक्तियों के बारे में असंवेदनशील चुटकुले बनाकर ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग’ करने के मामले की सुनवाई कर रही थी।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का व्यवसायीकरण

जज बागची ने कहा, ‘जब आप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का व्यवसायीकरण कर रहे हैं, तो आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि समाज के कुछ वर्गों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे।’ जज कांत ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के बारे में असंवेदनशील चुटकुले बनाकर उन्हें मुख्यधारा में लाने का संवैधानिक उद्देश्य पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है।

संवेदनशीलता का नहीं होना चाहिए हनन- जज बागची

जज बागची ने माना कि हास्य जीवन का एक अभिन्न अंग है, लेकिन हल्केपन से संवेदनशीलता का हनन नहीं होना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया, ‘हम विविध समुदायों का देश हैं।’ जज कांत ने कहा कि दिशा-निर्देश इस प्रकार तैयार किए जाने चाहिए कि उल्लंघन के निश्चित रूप से विशिष्ट परिणाम सामने आएं।

जब तक प्रभावी परिणाम तय नहीं किए जाते…

जज कांत ने कहा, ‘जब तक प्रभावी परिणाम तय नहीं किए जाते, लोग जिम्मेदारी से बच निकलने के लिए इधर-उधर भटक सकते हैं। परिणाम नुकसान के अनुपात में होने चाहिए। वे सिर्फ़ औपचारिकता नहीं हो सकते।’ जज ने स्पष्ट किया कि कोर्ट एक क्षण के लिए भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का प्रयास नहीं कर रहा है, बल्कि वह प्रस्तावित दिशानिर्देशों से यह अपेक्षा कर रहा है कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आहत करने वाले भाषण के बीच एक रेखा खींचेंगे।

सोशल मीडिया यूजर्स को संवेदनशील बनाना होगा

केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने जवाब दिया कि प्रस्तावित दिशानिर्देशों का प्राथमिक उद्देश्य सोशल मीडिया यूजर्स को संवेदनशील बनाना होगा। लेकिन यदि कोई उल्लंघन करता है, तो उसे जिम्मेदारी लेनी होगी। इनमें से कई मीडिया ब्लॉग आपके अपने अहंकार को पोषित करने जैसे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here