Caste Census: शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार द्वारा अगली जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस निर्णय को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पहल का परिणाम बताया है। राउत ने कहा कि जाति (Caste Census)जनगणना को शामिल करने का समय संदिग्ध है, क्योंकि यह कदम पहलगाम में आतंकी हमले के महज एक सप्ताह बाद लिया गया है।
ध्यान भटकाने के लिए लिया गया फैसला: राउत
राउत ने दावा किया कि यह निर्णय सरकार द्वारा जानबूझकर लोगों का ध्यान भटकाने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा, “22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सरकार जनता के सवालों से घिरी हुई है, और जाति जनगणना का फैसला उसी से ध्यान हटाने की कोशिश है।”
“राहुल गांधी को वंचित समाज दे रहा श्रेय”
संजय राउत ने जोर देकर कहा कि जाति जनगणना सामाजिक न्याय से जुड़ा महत्वपूर्ण मुद्दा है। उन्होंने कहा, “भले ही यह फैसला केंद्र सरकार के कैबिनेट ने लिया हो, लेकिन दलित, शोषित और वंचित समाज इसका श्रेय राहुल गांधी को दे रहा है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि राहुल गांधी पिछले 10 वर्षों से लगातार जाति आधारित जनगणना की मांग करते रहे हैं।
चुनावों को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला
राउत ने यह भी दावा किया कि जाति जनगणना कराने का निर्णय 2025 में बिहार और 2026 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।
केंद्र सरकार का दावा: पारदर्शी प्रक्रिया होगी
उधर, केंद्र सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि आगामी जनगणना में जातीय आंकड़ों को पारदर्शी तरीके से शामिल किया जाएगा। मोदी सरकार ने यह भी कहा कि जाति आधारित सर्वेक्षण को विपक्षी दल राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और उनकी इस कोशिश की कड़ी आलोचना की।