Rajasthan News: राजधानी जयपुर में पुलिस द्वारा एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ बदसलूकी, अपहरण और गैरकानूनी कार्यवाही करने का गंभीर मामला सामने आया है।
पत्रकार रामगोपाल जाट ने पिंक सिटी प्रेस क्लब में पत्रकारों को बताया कि 19 फरवरी की सुबह करीब पौने 6 बजे, एक दर्जन से अधिक लोग जबरन उनके घर में घुस आए। (Rajasthan News)उन्होंने गाली-गलौच की, मोबाइल छीन लिया, परिजनों के साथ बदसलूकी की और उनका अपहरण कर लिया। सादा वर्दी में आए इन लोगों ने खुद को पुलिसकर्मी बताया लेकिन कोई आईडी कार्ड नहीं दिखाया।
थाने में जबरन बयान और धमकियां
रामगोपाल ने बताया कि उन्हें घर से उठाने के बाद करीब एक किलोमीटर पैदल चलवाकर गाड़ी में बैठाया गया और दूसरे रास्ते से सांगानेर सदर थाने ले जाया गया। वहां नाम की एंट्री करने के बाद उन्हें चार सादा वर्दी वालों के साथ निजी वाहन में कमिश्नरेट ले जाया गया, जिसे संजय कुमार नामक व्यक्ति चला रहे थे। साइबर थाने में खुद को एसीपी चंद्रप्रकाश चौधरी बताने वाले व्यक्ति से मिलवाया गया, जो शॉर्ट और टी-शर्ट में बैठे थे। दिनभर वहीं रखा गया और सुबह का खाना दोपहर 3 बजे के बाद दिया गया।
खबरें लिखने से रोकने का दबाव
रामगोपाल के अनुसार, जबरन एक नोटिस जैसे कागज पर साइन करवाए गए और उसे पढ़ने नहीं दिया गया। उन पर सीएमओ के अधिकारियों और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के करीबी लोगों के नाम लेने का दबाव बनाया गया। सीएम और उनके समाज के अन्य लोगों को जातिसूचक गालियां दी गईं। इसके अलावा, खबरें लिखने से रोकने के लिए दबाव डाला गया और उनके मोबाइल का पासवर्ड बदल दिया गया।
मोबाइल से अवैध गतिविधियां और सुरक्षा की मांग
रामगोपाल ने दावा किया कि उनके मोबाइल से 20 फरवरी को कानूनी रूप से सीज किए जाने के बावजूद, आज तक अवैध गतिविधियां की जा रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री शर्मा से अपील की कि इस घटना में शामिल अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और मामले की न्यायिक जांच हो।
पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग
उन्होंने कहा कि पत्रकारों के साथ हो रही ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार को पत्रकार सुरक्षा कानून बनाना चाहिए और दोषी पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए। रामगोपाल ने चंद्रप्रकाश चौधरी द्वारा धमकी दिए जाने की बात कहते हुए अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की। उन्होंने आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई करने का दावा किया है।