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Tuesday, November 18, 2025

राजस्थान में बड़ा प्रशासनिक बदलाव! वी. श्रीनिवास को मुख्य सचिव बनते ही सौंपे तीन अहम पद, सियासी चर्चा गर्म

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Rajasthan News

नियुक्ति के साथ अतिरिक्त प्रभार

आदेश में कहा गया है कि वी. श्रीनिवास मुख्य सचिव पद के साथ-साथ राजस्थान राज्य खनिज एवं खनिज निगम लिमिटेड, उदयपुर और मुख्य आवासीय आयुक्त, नई दिल्ली के पदों का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे। बताया गया है कि वे कल (निर्धारित तिथि) अपने नए पद का औपचारिक कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। यह प्रशासनिक कदम राज्य सरकार के फेरबदल के रूप में देखा जा रहा है।

शैक्षिक पृष्ठभूमि और शुरूआती करियर

वी. श्रीनिवास ने हैदराबाद की ओस्मानिया यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में B.Tech और M.Tech की डिग्री प्राप्त की। मात्र 22 साल की आयु में उन्होंने UPSC परीक्षा पास कर ली और राजस्थान कैडर में शामिल हुए। तीन दशकों के करियर में उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

डिजिटल AIIMS परियोजना और स्वास्थ्य प्रशासन में योगदान

दिल्ली एम्स में डिप्टी डायरेक्टर के रूप में कार्य करते हुए श्रीनिवास ने डिजिटल AIIMS प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस पहल के तहत ई-हॉस्पिटल सिस्टम और डिजिटल प्रबंधन लागू किए गए, जिससे मरीजों को लंबी लाइनों से निजात मिली और अस्पताल संचालन में पारदर्शिता आई। इस मॉडल को बाद में राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया गया और यह स्वास्थ्य प्रशासन में डिजिटल परिवर्तन का उदाहरण बन गया।

प्रशासनिक शैली और प्राथमिकताएँ

उनके कार्यकाल में तकनीक, पारदर्शिता और सिस्टम-आधारित प्रबंधन पर विशेष जोर रहा है। राज्य के मुख्य सचिव के रूप में उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे शासन प्रणाली में डिजिटल साधनों के माध्यम से सुधार लाएंगे और राज्य प्रशासन को अधिक उत्तरदायी व प्रभावी बनाएंगे।

हाल ही में वी. श्रीनिवास को इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव साइंसेज के अध्यक्ष के रूप में चुना गया — यह किसी भारतीय अधिकारी के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है और इससे उनके नेतृत्व कौशल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। राज्य सरकार की इस नियुक्ति को प्रशासनिक सुधार और डिजिटल परिवर्तन के लिहाज़ से सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। वी. श्रीनिवास की पद्धति और तकनीकी दृष्टि से राजस्थान में सरकारी सेवाओं में सुधार की उम्मीद बढ़ी है। आने वाले दिनों में उनकी नीतियाँ और कार्यशैली राज्य प्रशासन के स्वरूप को प्रभावित कर सकती हैं।

 


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