भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना बॉर्डर पर तैनात, NOTAM जारी, पाकिस्तान के लिए हाई अलर्ट

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Indian Army Exercise

Indian Army Exercise: राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास होने जा रहा है। इसे लेकर औपचारिक सूचना जारी की गई है और NOTAM (Notice To Airmen) भी जारी कर दिया गया है। (Indian Army Exercise)बीते कई महीनों से लगातार सेना की तैयारियां जारी हैं, और यह अभ्यास भारत की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने का बड़ा कदम माना जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक यह अभ्यास एक संयुक्त रणनीतिक ऑपरेशन के रूप में किया जाएगा, जिसमें थलसेना, वायुसेना और नौसेना के जवान हिस्सा लेंगे। इसका उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों में ऑपरेशन सिंदूर के बाद से चल रही सैन्य तैयारियों को और मजबूत करना है। अभ्यास के दौरान उन्नत हथियार प्रणालियां, एयर स्ट्राइक सिमुलेशन और फुल-स्केल टैंक मूवमेंट किए जाएंगे।

राजनाथ सिंह ने ‘थार शक्ति’ अभ्यास का किया अवलोकन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास भारतीय सेना के ‘थार शक्ति’ अभ्यास का निरीक्षण किया। उन्होंने जवानों के साहस, पराक्रम और समर्पण की सराहना की। इस दौरान ‘रोबोट डॉग’, ड्रोन, ‘एटॉर एन1200’ जैसे अत्याधुनिक वाहन और टैंक भी शामिल रहे। यह अभ्यास आधुनिक युद्ध कौशल और तकनीकी सामर्थ्य का सटीक प्रदर्शन था।

NOTAM क्या है और क्यों जारी किया गया?

NOTAM यानी “Notice To Airmen” — एक विशेष नोटिस होता है जो पायलटों, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स और विमानन कर्मियों को उड़ान संचालन में होने वाले अस्थायी बदलावों या खतरों के बारे में जानकारी देता है। यह सुरक्षा सुनिश्चित करता है और उड़ानों को सैन्य अभ्यास जैसी गतिविधियों से दूर रखने के लिए जारी किया जाता है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी भारत की सैन्य सतर्कता

भारत ने मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था। इसके तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में कई आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमले भी हुए, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने नाकाम कर दिया।

भारत-पाक सीमा पर बढ़ी सतर्कता, युद्धविराम बरकरार

वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमित युद्धविराम की स्थिति है, लेकिन दोनों ओर से सेना सतर्क है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह संयुक्त सैन्य अभ्यास भारत के युद्ध-तैयारी और रणनीतिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, जो भविष्य की किसी भी चुनौती के लिए एक मजबूत संदेश देता है।

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