Rajasthan Budget 2025: बजट सत्र के बाद राजस्थान की राजनीति गरमा गई है। सत्ता पक्ष इसे ऐतिहासिक और विकासोन्मुखी बजट बता रहा है, जबकि विपक्ष इसे आंकड़ों का खेल करार दे रहा है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बजट को खोखले वादों का पुलिंदा बताया।(Rajasthan Budget 2025) उन्होंने आरोप लगाया कि बजट पेश करने के बाद सरकार जवाब देने से बचती रही। जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अब तक कोई ऐसी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की, जिसमें वे पत्रकारों के सवालों का सामना कर सके। उन्होंने राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि सरकार राजस्व लक्ष्यों को हासिल करने में विफल रही है, जिससे प्रदेश पर कर्ज़ बढ़ रहा है।
आंकड़ों की बाज़ीगरी का आरोप
विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह सिर्फ घोषणाओं से जनता को बहला रही है, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और है। जूली ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया तो विपक्ष आंदोलन करेगा। जूली ने कहा कि सरकार ने पहले 31 दिसंबर, फिर अप्रैल और अब अगस्त में रिफाइनरी शुरू करने की नई तारीख दी है। उन्होंने इसे सरकार की धीमी कार्यशैली का प्रमाण बताया। बजट को लोकलुभावन बताते हुए जूली ने कहा कि सरकार युवाओं के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की विधानसभा में अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाए। जूली ने आरोप लगाया कि सरकार के पास पेंशन और सैलरी देने के लिए भी धन नहीं है।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम आय गारंटी कानून के तहत इस बार पेंशन 1300 रुपये होनी चाहिए थी, लेकिन इसे केवल 1250 रुपये किया गया, जो जनता के साथ अन्याय है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RUHS) में अब तक नियमित वाइस चांसलर नियुक्त नहीं किया गया। उन्होंने किसान सम्मान निधि 12,000 रुपये करने के वादे को भी जुमला करार दिया। जूली ने कहा कि पिछले बजट में 1500 करोड़ रुपये अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण के लिए तय किए गए थे, लेकिन इसमें से एक रुपये का भी खर्च नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ घोषणाएं कर रही है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो रहा, जिससे जनता, किसान और युवा ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।