Rajasthan: राजस्थान की हवा अब बेहद जहरीली! भिवाड़ी जिला बन गया है देश का सबसे प्रदूषित क्षेत्र!”

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Pollution AQI Level

Pollution AQI Level: दिवाली के आगाज़ से पहले ही राजस्थान की हवा ने एक चिंता का विषय बना लिया है। हालात ये हैं कि प्रदेश की हवा अब जहरीली हो चुकी है।(Pollution AQI Level) भिवाड़ी जिला, जो दिल्ली और हरियाणा की सीमा से सटा है, वायु प्रदूषण के मामले में देश में सबसे आगे है।

ज़रा सोचिए, जब तक हम दीयों की रोशनी से खुशियों का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं, हमारी हवा में जहर घुल रहा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार सुबह 10 बजे भिवाड़ी का एक्यूआई स्तर 348 दर्ज किया गया, जो कि बेहद चिंताजनक है। इस मामले में देश की राजधानी दिल्ली भी भिवाड़ी के पीछे दूसरे स्थान पर है। क्या हम इस गंभीर स्थिति को नजरअंदाज कर सकते हैं?

भिवाड़ी की हवा ने तोड़ा सभी रिकॉर्ड, दिल्ली भी है पीछे!

राजस्थान में भिवाड़ी जिले की हवा देश में सबसे ज्यादा जहरीली है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार, भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर मंगलवार सुबह 10 बजे एक्यूआई लेवल 348 रहा। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली भिवाड़ी के बाद एयर पॉल्यूशन में दूसरे नंबर पर है।

दिवाली से पहले ही राजस्थान की हवा खराब होने लगी है। राजस्थान की हवा जहरीली हो चली है। प्रदेश में दिल्ली और हरियाणा की सीमा से लगने वाला भिवाड़ी जिला वायु प्रदूषण के मामले में देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित है। मंगलवार 29 अक्तूबर को सुबह 10 बजे यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 348 तक पहुंच गया। इसके साथ ही यहां पीएम 10 का स्तर 447 पहुंच गया। वायु प्रदूषण का स्तर यहां विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से तय मानकों से 19.9 गुना ज्यादा पाया गया है। इसमें सबसे ज्यादा प्रदूषित रीको इंडस्ट्रीय एरिया है।

राजस्थान के ज्यादातर शहर एयर क्वालिटी इंडेक्स में पूअर श्रेणी में दर्ज किए गए हैं। इनमें बीकानेर, जयपुर, अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा, जोधपुर, कोटा, पाली, सीकर, टोंक और उदयपुर शामिल हैं। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, मौसम में आ रहे बदलाव के कारण वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है।

दिवाली के मौके पर होने वाली आतिशबाजी के कारण अभी आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण में और इजाफा होगा। सरकार ने प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए एनसीआर क्षेत्र में सिर्फ दो घंटे के लिए आतिशबाजी की अनुमति दी है। पटाखों के धुएं से शहरों में इसके तीन से चार गुना तक बढ़ जाने की आशंका है।

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