टेक डिप्लॉयमेंट और मॉनिटरिंग
- विशेष ड्रोन कंट्रोल रूम से काफिले की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।
- जैमर डिवाइस और फेशियल रिकग्निशन कैमरे तैनात हैं ताकि संभावित इलेक्ट्रॉनिक तथा विजुअल थ्रेट्स रोके जा सकें।
- AI बेस्ड मॉनिटरिंग और रियल-टाइम एनालिटिक्स से संदिग्ध गतिविधियों की पहचान होगी।
5-लेयर सिक्योरिटी: कैसे काम करेगा सुरक्षा घेरा
सूत्रों के मुताबिक, पुतिन के दिल्ली लैंड करते ही पांच लेयर वाला सुरक्षा सिस्टम एक्टिव हो जाएगा — हर लेयर कंट्रोल रूम से समन्वित रहेगी:
- आउटर लेयर: दिल्ली पुलिस और NSG की मोबाइल पोस्ट — पब्लिक एरिया स्क्रीनिंग व ट्रैफिक कंट्रोल।
- सेकंड लेयर: स्थैतिक बैरियर्स, जैमर और ड्रोन-सेंसिंग जो संभावित ड्रोन-आधारित खतरे रोकेंगे।
- थर्ड लेयर: स्पेशल कैमरा और AI मॉनिटरिंग — फेशियल रिकग्निशन के साथ संदिग्धों की पहचान।
- फोर्थ लेयर: NSG/एसपीजी कमांडो और स्नाइपर्स जो ट्रांसलेशन/मूवमेंट रूट्स कवर करेंगे।
- इनर लेयर: रूस की प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी टीम — पुतिन के सीधे आसपास की सुरक्षा।
पुतिन का कार्यक्रम (संक्षेप)
रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन 4 दिसंबर को दिल्ली पहुंच रहे हैं और उनके कार्यक्रम में प्रमुख बिंदु हैं:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिनर।
- राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत समारोह।
- संभावित राजघाट दर्शन—महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि।
- हैदराबाद हाउस में समिट और India Pavilion/India Mandapam में कार्यक्रम।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दावत में शामिल होना।
रूसी सुरक्षा टीमें और विशेष तैयारियाँ
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, मॉस्को से करीब 50 से अधिक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी और विशेषज्ञ पहले से दिल्ली पहुंच चुके हैं। ये टीमें दिल्ली पुलिस और NSG अधिकारियों के साथ मिलकर हर मार्ग और कार्यक्रम स्थल की जाँच कर रही हैं। अचानक किए जाने वाले रूट परिवर्तन और संभावित लोकेशनों की एक बैकअप लिस्ट भी तैयार की गई है ताकि किसी भी परिस्थितियों में त्वरित कार्रवाई संभव हो।
स्नाइपर्स और काफिले कवरेज
कई स्नाइपर ऐसे स्थानों पर तैनात किए गए हैं जो राष्ट्रपति के आगमन-गमन मार्गों को कवर करते हैं। कंट्रोल रूम से उनकी स्थिति लगातार मॉनिटर की जा रही है।
ऑरस सीनेट — पुतिन की खास लिमोजिन
पुतिन की सुरक्षा में सबसे खास वाहन ऑरस सीनेट (Aurus Senat) है — रूस का एक भारी-भरकम आर्मर्ड लग्जरी स्टेट कार। इस बार भी पुतिन के लिए यही कार मॉस्को से आई है। सीनेट को इस साल की शुरुआत में शंघाई में आयोजित SCO समिट के दौरान भी देखा गया था।
दिल्ली में पुतिन की यात्रा को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है — हाई-प्रोफ़ाइल सुरक्षा, उन्नत टेक डिप्लॉयमेंट और दोनों देशों के संयुक्त समन्वय के साथ पूरा कार्यक्रम संचालित होगा। राजधानी पर कड़े सुरक्षा पहरे और हर संभावित खतरे की प्रत्याशा के साथ तैनाती पर बल दिया गया है।

































































