Putin India relations: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने एक बयान से दुनिया भर में खलबली मचा दी है। पुतिन ने बुधवार को चीन दौरे के समापन पर एक प्रेस वार्ता में कहा कि अब “एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था” को समाप्त हो जाना चाहिए। (Putin India relations) उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एक बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था की आवश्यकता है, जिसमें किसी भी देश का वर्चस्व न हो और सभी राष्ट्र समान अधिकार के साथ सहभागिता करें।
अमेरिका की दादागिरी को मिलेगा बड़ा खतरा
पुतिन के इस ऐलान से अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप की बादशाहत को बड़ा खतरा पैदा हो गया है। पुतिन ने अमेरिका का नाम लिए बगैर कहा, “एकध्रुवीय दुनिया अन्यायपूर्ण है, यह स्पष्ट है। हम अपने रिश्ते इस विचार पर विकसित कर रहे हैं कि दुनिया बहुध्रुवीय होनी चाहिए, जिसमें सभी देश बराबर हों।” उन्होंने BRICS और SCO जैसे संगठनों की भूमिका को इस नई व्यवस्था में अहम बताया और कहा कि यह बदलाव धीरे-धीरे आकार ले रहा है।
भारत और चीन की प्रशंसा
पुतिन ने भारत और चीन जैसे आर्थिक दिग्गजों का उल्लेख करते हुए कहा, “हां, भारत और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं…और हमारा देश भी क्रय शक्ति समानता के आधार पर शीर्ष चार में है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई देश राजनीति या वैश्विक सुरक्षा पर हावी हो।”
पश्चिमी प्रतिबंधों और अमेरिकी टैरिफ पर हमला
पुतिन के इस बयान को यूक्रेन युद्ध पर पश्चिमी प्रतिबंधों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है।
विशेष रूप से भारत और चीन पर लगाए गए टैरिफ को लेकर रूस ने एकध्रुवीय सोच की आलोचना की है। भारत पर अमेरिकी टैरिफ अब 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जिसमें 25% अतिरिक्त शुल्क केवल रूसी तेल खरीदने के कारण लगाया गया है।
पुतिन और मोदी के बीच चर्चा का जिक्र
पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई अनौपचारिक बातचीत का भी उल्लेख किया, जो SCO सम्मेलन स्थल से होटल तक कार यात्रा के दौरान हुई। पुतिन ने कहा कि उन्होंने मोदी को अलास्का में हाल ही में ट्रंप से हुई बातचीत की जानकारी दी। “यह कोई रहस्य नहीं है। मैंने उन्हें (मोदी) अलास्का में हुई बातचीत के बारे में बताया।”
अमेरिका को दी कड़ी चेतावनी
अमेरिका द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के सवाल पर पुतिन ने कहा कि अब औपनिवेशिक युग समाप्त हो चुका है। कोई किसी पर हावी नहीं हो सकता। पुतिन ने यह बात तब कही, जब बीजिंग स्थित दियाओयूताई स्टेट गेस्टहाउस में वह मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहाकि वैश्विक राजनीति या सुरक्षा पर कोई भी देश वर्चस्व स्थापित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि भले ही भारत और चीन जैसे “आर्थिक महाशक्तियां” उभर रही हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं होना चाहिए कि उनके खिलाफ दबाव या दंडात्मक नीति अपनाई जाए। यह संदेश सीधे तौर पर ट्रंप और अमेरिका के लिए था।