Pushkar Mela 2025: ‘रंग रंगीले राजस्थान’ का सबसे बड़ा त्योहार, विश्वप्रसिद्ध पुष्कर मेला 2025, बुधवार 22 अक्टूबर से 7 नवंबर तक आयोजित होगा। प्रशासन ने मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।पुष्कर मेला 2025 कल से प्रारम्भ हो रहा है। (Pushkar Mela 2025) यह मेला आस्था, लोक-संस्कृति और पारंपरिक पशु-व्यापार का अनूठा समागम है। मेले में देश-विदेश से सैलानी, ऊंट-पशुपालक, कलाकार और व्यापारिक लोग भारी संख्यां में शामिल होंगे।
मेले की रौनक पहले से ही जम गयी
उद्घाटन मंगलवार को होगा, पर पुष्कर के रेत के टीलों पर माहौल पहले ही बन गया है — दूर-दूर से ऊंटपालक, घोड़ा मालिक और पारंपरिक तंबू आ गए हैं। विदेशी पर्यटक भी मेले को कैमरे में कैद करने पहुंच रहे हैं, जिससे मेले की अंतरराष्ट्रीय पहचान और बढ़ रही है। इस बार प्रशासन ने मेले में कई नए और रोमांचक कार्यक्रम जोड़े हैं। पहली बार बीएसएफ के जवानों का कैमेल शो और हॉर्स शो दर्शकों के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही युवा प्रतिभाओं को मंच देने के लिए पहली बार मिस्टर और मिस राजस्थान प्रतियोगिता रखी गई है। लोक-परफॉर्मेंस को और समृद्ध करने के लिए मशहूर बॉलीवुड सिंगर रूपकुमार राठौड़ और सोनाली राठौड़ अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे। मेले के दौरान रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
कोई VIP पास नहीं,
आम दर्शकों की सुविधा के लिए इस बार कोई वीआईपी पास नहीं रखा गया — सभी आगंतुक समान होंगे। भीड़ नियंत्रण हेतु वन-वे ट्रैफिक लागू रहेगा और पूरा क्षेत्र 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी में रहेगा। जलस्तर व आपात स्थिति के मद्देनज़र SDRF और सिविल डिफेंस की स्पेशल बचाव टीम तैनात रहेगी।
पशु-व्यापार और एंट्री प्रक्रिया
पशुपालकों के लिए विशेष चौकियां स्थापित की जा रही हैं — पशुओं की एंट्री और स्वास्थ्य जांच 24 अक्टूबर से प्रभावी होगी। पशु व्यापार, ऊंट-हाट और नस्ल प्रदर्शनी मेले के मुख्य आकर्षण बने रहेंगे।
पुष्कर मेला 2025 का पूरा शेड्यूल
आयोजन | तारीख | खासियत |
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मेला शुभारंभ / पशुमेला कार्यालय स्थापना | 22 अक्टूबर | पशुमेला कार्यालय का उद्घाटन |
पशु चौकियां और एंट्री चेक | 24 अक्टूबर | पशुओं की एंट्री व स्वास्थ्य जांच शुरू |
विकास एवं गीर प्रदर्शनी | 2 नवंबर | उन्नत नस्लों की प्रदर्शनी |
पुरस्कार वितरण समारोह | 5 नवंबर | बेहतरीन पशुपालकों को सम्मान |
मेला संपन्न | 7 नवंबर | औपचारिक समापन |
यात्रा और दर्शक सलाह
- भीड़ और ट्रैफिक के कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग बेहतर रहेगा।
- वन-वे मार्गों और सीसीटीवी निगरानी के निर्देशों का पालन करें।
- पशु-हाट में जाने से पहले आयोजकों द्वारा निर्धारित नियम और एंट्री प्रक्रिया पढ़ लें।
- रात में रेत के टीलों पर ठहरने के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े और पानी साथ रखें।