नौकरी बदली? चिंता छोड़िए! EPFO ने शुरू किया ऑटो ट्रांसफर सिस्टम, PF तुरंत नए खाते में जाएगा!

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EPFO: कर्मचारियों के लिए राहतभरी खबर…कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक नया ऑटोमैटिक ट्रांसफर सिस्टम शुरू किया है। इस प्रणाली के लागू होने के बाद नौकरी बदलते समय पीएफ बैलेंस को मैन्युअल फॉर्म व हस्तक्षेप की जरूरत नहीं रहेगी; राशि सीधे नए नियोक्ता के खाते में ट्रांसफर हो जाएगी और यह प्रक्रिया 3 से 5 दिनों में पूरी होने का लक्ष्य है। पूरा रोलआउट साल 2025 तक पूरा कर दिया जाएगा।

नए नियम क्या कह रहे हैं?

EPFO ने पारंपरिक फॉर्म-13 व नियोक्ता-वेरिफिकेशन की अनिवार्यता को हटाकर ट्रांसफर दावों को सीधे EPFO प्लेटफ़ॉर्म पर ऑटोमैटिक प्रोसेस करने का प्रावधान किया है। अब ज़्यादातर मामलों में पूर्व या वर्तमान नियोक्ता के माध्यम से ऑनलाइन क्लेम भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। बड़े नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को इससे समय व प्रशासनिक बोझ में भारी कमी का लाभ मिलेगा।

अब कैसे काम करेगा PF ट्रांसफर?

  1. कर्मचारी नए रोजगार में ज्वाइन करता है और उसकी UAN/EPF जानकारी अपडेट रहती है।
  2. सिस्टम आटो-मैपिंग के ज़रिये पुराने खाते से नए खाते तक बैलेंस ट्रेस कर लेता है।
  3. EPFO क्लेम को ऑटोमैटिक मान्यता देता है और ट्रांसफर 3–5 कार्यदिवसों में पूरा कर देता है।
  4. ट्रांसफर के दौरान भी PF बैलेंस पर ब्याज लागू होता रहता है।

क्या वर्कर्स को अब कुछ नहीं करना होगा?

हाँ — अधिकतर मामलों में किसी दस्तावेज़ या फॉर्म भरने की जरूरत नहीं होगी। हालाँकि असामान्य केस-जैसे UAN मिसमैच, पहचान संबंधी समस्या, या पुराने नियोक्ता के रिकॉर्ड में विसंगति होने पर EPFO से अतिरिक्त सूचना माँगी जा सकती है। ऐसे मामलों में कर्मचारी को अपनी जानकारी अपडेट करानी होगी।

नए सिस्टम के प्रमुख फायदे

  • ट्रांसफर अब महीनों के बजाय केवल 3–5 दिनों में पूरा होगा।
  • फॉर्म-13 और मैन्युअल नियोक्ता वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं।
  • ट्रांसफर के दौरान भी EPF बैलेंस पर ब्याज मिलता रहेगा।
  • सेवानिवृत्ति पर पूरी राशि एक ही खाते में उपलब्ध होगी — फंड fragmented नहीं होगा।
  • कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का प्रशासनिक बोझ घटेगा और क्लेम रीजेक्शन के मामले कम होंगे।

किस तरह के नियोक्ताओं को होगा फायदा?

विशेषकर बड़े नियोक्ता जिनके पास लाखों कर्मचारी हैं, अब ट्रांसफर क्लेम के अनुमोदन का बोझ साझा नहीं करना होगा। छोटे नियोक्ता भी जल्द-से-जल्द ट्रांसफर का लाभ उठाकर कर्मचारी संतुष्टि बढ़ा सकेंगे।

EPFO की समयसीमा और रोलआउट

EPFO ने बताया है कि नया ऑटोमेटिक ट्रांसफर सिस्टम चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में 2025 के अंत तक लागू कर दिया जाएगा। शुरुआत में कुछ पायलट ज़ोन में प्रक्रिया परखकर फिर व्यापक लागूकरण किया जाएगा।

कर्मचारी-एक्शन

  • अपने UAN और बैंक-KYC की जानकारी EPFO पोर्टल पर अपडेट रखें।
  • नए नियोक्ता को ज्वाइन करते समय EPF UAN शेयर करें।
  • यदि ट्रांसफर न होने का संदेश आये तो EPFO हेल्पलाइन या अपने नियोक्ता से संपर्क करें।

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