Pehalgam attack: पाकिस्तान में भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर भय व्याप्त है। वहां के मंत्री और सेना दोनों ही चिंता में हैं। सीमावर्ती इलाकों में हालात इस हद तक बिगड़ गए हैं कि आम जनजीवन ठप पड़ गया है, और मस्जिदों में नमाज़ तक नहीं पढ़ी जा रही है। ( Pehalgam attack)भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे गांवों में साफ देखा जा सकता है।
आरएसपुरा सेक्टर में भारत-पाक सीमा पर सन्नाटा
जम्मू के आरएसपुरा सेक्टर के आखिरी गांव सुचेतगढ़ में भारतीय किसान जहां फसल कटाई में व्यस्त हैं, वहीं सीमा पार पाकिस्तान की ओर बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ है। वहां न कोई गतिविधि नजर आ रही है, न ही खेतों में कोई काम। पहले की तरह अब पाकिस्तानी किसान सीमा के पास भी नहीं दिखते।
पहली बार मस्जिदों से नहीं सुनाई दे रही अज़ान
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हमले से पहले पाकिस्तानी इलाके में काफी हलचल रहती थी। किसान खेतों में काम करते और जानवरों को भारतीय सीमा के पास तक चारा दिलाने ले आते थे। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।
गांव के प्रधान ने बताया, “हमने पहली बार देखा है कि पाकिस्तान की मस्जिदों से अज़ान की आवाज़ भी आनी बंद हो गई है। इससे पहले ऐसा केवल कारगिल युद्ध के दौरान हुआ था।”
वॉच टावरों से पाकिस्तान की नजर
ग्रामीणों का दावा है कि पाकिस्तानी रेंजर्स अपने वॉच टावरों से भारतीय सीमा की लगातार निगरानी कर रहे हैं, लेकिन खुद किसी भी प्रकार की सार्वजनिक गतिविधि में शामिल नहीं हो रहे हैं। सीमावर्ती गांवों में सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी प्रकार की घुसपैठ या संदिग्ध गतिविधि को रोका जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि वे भारत सरकार के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं।