Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहलगाम हमले के बाद से लगातार बढ़ता जा रहा है। 6 और 7 मई को भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान ने बौखलाकर ड्रोन और मिसाइल से हमला करने की कोशिश की, (Operation Sindoor)लेकिन भारतीय डिफेंस सिस्टम ने समय रहते उन्हें नष्ट कर दिया।
भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में भारी तबाही
भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 13 में से 11 एयरबेस को निशाना बनाया। इससे पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ, जिसकी पुष्टि पाकिस्तान लंबे समय तक करता नहीं रहा। हालांकि बाद में हालात कुछ और ही बयां करने लगे।
लगभग 8 दिन की चुप्पी के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्वीकार किया कि भारत ने उनके देश पर गंभीर हमला किया। शरीफ ने बताया कि 10 मई की रात करीब 2:30 बजे सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने उन्हें सिक्योर लाइन पर कॉल करके इस हमले की जानकारी दी।
नूर खान एयरबेस सहित कई ठिकानों पर हमला
शहबाज शरीफ के अनुसार भारत की बैलिस्टिक मिसाइलें नूर खान एयरबेस और अन्य जगहों पर गिरीं। पाकिस्तान की वायुसेना ने देश को बचाने की भरपूर कोशिश की और स्वदेशी तकनीक के साथ-साथ चीनी लड़ाकू विमानों पर आधुनिक गैजेट का इस्तेमाल किया।
शुरुआत में पाकिस्तान ने दावा किया कि उसे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन बाद में उपग्रह तस्वीरों और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स ने इस दावे को झूठा साबित कर दिया।
भारत का दावा निकला सही
भारत ने पहले ही यह दावा किया था कि नूर खान एयरबेस को तबाह करने के बाद पाकिस्तान शांति की बात करेगा। 10 मई को पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर की अपील आ गई थी। अब पाकिस्तान के पीएम ने भी यह बात मान ली है। भारत की कड़ी जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की हालत इतनी खराब हो गई कि वह युद्ध की बजाय शांति की बात करने लगा। जो शहबाज शरीफ पहले आंख में आंख डालकर बात करने की बात कर रहे थे, वे अब भारत की मार स्वीकार कर चुके हैं।
ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल
भारत ने इस जवाबी हमले में 15 ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। पाकिस्तान का नूर खान एयरबेस जहां सबसे अधिक हथियार और लड़ाकू विमान रखे जाते थे, उसे पूरी तरह से तबाह कर दिया गया। इस कारण पाकिस्तान की वायुसेना की क्षमता भी बुरी तरह प्रभावित हुई। भारत की सटीक रणनीति और तकनीकी श्रेष्ठता ने पाकिस्तान को बड़े स्तर पर झटका दिया है। अब पाकिस्तान भारत से उलझने से बचना चाहता है और शांति की अपील कर रहा है। यह घटना भारत की सैन्य शक्ति और रणनीतिक बढ़त का एक और प्रमाण है।