19 नवंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश
एनजीटी ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण को 2020 में ही सभी राज्यों में बिना अनुमति भूजल दोहन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कार्रवाई की जिम्मेदारी जिला प्रशासन पर डाल दी गई थी। अब एनजीटी ने तीनों राज्यों से 19 नवंबर 202 तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के 409 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों में बिना अनुमति के भूजल निकासी की जा रही है। यह स्थिति पर्यावरणीय दृष्टि से गंभीर मानी जा रही है और इस पर प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है।
जयपुर में हर साल ढाई गुना अधिक भूजल दोहन
जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, जयपुर में हर साल 222% भूजल का दोहन होता है, यानी जितना रिचार्ज होता है, उससे ढाई गुना ज्यादा निकासी की जाती है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 5 दशकों में 49% वर्षा की वृद्धि के बावजूद भूजल स्तर लगातार घट रहा है। इसकी वजह है पेयजल और सिंचाई के लिए अत्यधिक भूजल निर्भरता। जयपुर के 73% इलाके में भूजल ही एकमात्र जल स्रोत है, जिससे इसकी स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है।