इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया! जैसलमेर और महाराष्ट्र के बीच कभी कोई संबंध नहीं!

37
Jaisalmer News

Jaisalmer News: जैसलमेर में महाराष्ट्र के मराठा साम्राज्य को इतिहास में शामिल किए जाने पर विवाद छिड़ गया है। NCERT द्वारा आठवीं क्लास की पाठ्य पुस्तक में कथित तौर पर जैसलमेर को मराठा साम्राज्य का हिस्सा बताए जाने पर स्थानीय राजपरिवार के सदस्य ठाकुर विक्रमसिंह ने कड़ी नाराजगी जताई है।

ठाकुर विक्रमसिंह ने इस विषय पर बयान देते हुए कहा, “यह पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण है। जैसलमेर रियासत का महाराष्ट्र से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं रहा है।”(Jaisalmer News) उन्होंने बताया कि ना तो कभी जैसलमेर और महाराष्ट्र के बीच युद्ध हुआ और ना ही कोई मेल-मिलाप हुआ।

जैसलमेर का गौरवमयी इतिहास

विक्रमसिंह ने जैसलमेर की ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “सन 1176 में जैसलमेर की स्थापना से लेकर वर्तमान महारावल चैतन्यराज सिंह तक, इस रियासत का स्वर्णिम काल रहा है। इस दौरान कई विदेशी आक्रमणकारियों ने हमला किया, और जैसलमेर के कई वीर वीरगति को प्राप्त हुए, जबकि वीरांगनाओं ने जौहर किया।”

भाटी राजवंश की स्वतंत्रता

उन्होंने यह भी कहा, “भाटी राजवंश को किसी भी बाहरी सत्ता के अधीन रहने की कभी स्वीकृति नहीं थी। हमें ‘उत्तर भड़ किवाड़ भाटी’ की उपाधि दी गई थी, जो कि हमारे राज्य की सीमाओं के रक्षक के रूप में जानी जाती है।”

पहले भी इतिहास में हुई थी त्रुटियां

विक्रमसिंह ने यह भी कहा, “पहले भी NCERT की पुस्तकों में इतिहास से संबंधित कई त्रुटियां सामने आईं थीं। देश का राजपूताना इतिहास गौरवशाली था, लेकिन उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।” उन्होंने यह भी कहा कि जैसलमेर रियासत एक स्वतंत्र राज्य था और इसका भारत के मानचित्र पर एक स्वाधीन राष्ट्र के रूप में अस्तित्व था।

जैसलमेर के इस मामले में स्थानीय लोगों में गहरा रोष है, और वे चाहते हैं कि इतिहास को सही ढंग से प्रस्तुत किया जाए। यह विवाद अब एक बड़े स्तर पर फैल चुका है और लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here