Tehran Attack: गुरुवार को इजरायल की वायुसेना ने ईरान की राजधानी तेहरान पर हवाई हमला किया। स्थानीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय सूत्रों के अनुसार, मिसाइल और ड्रोन के ज़रिए किए गए इस हमले से कई इलाकों में धमाकों की आवाज़ें सुनी गईं। (Tehran Attack)हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इजरायल ने किन स्थानों को निशाना बनाया।
तेहरान में हुए विस्फोटों की पुष्टि
ईरान के सरकारी चैनल नूर न्यूज ने पुष्टि की है कि शुक्रवार सुबह तेहरान के उत्तर-पूर्व क्षेत्रों में विस्फोट हुए। चश्मदीदों का कहना है कि धमाके इतने ज़ोरदार थे कि खिड़कियों तक हिल गईं। इससे राजधानी में दहशत का माहौल है।
इजरायल का सीधा वार, मध्य पूर्व में तनाव
इजरायल ने अपने सबसे बड़े दुश्मन कहे जाने वाले देश पर सीधे हमला किया है। सूत्रों के अनुसार, इस घटना के बाद मध्य पूर्व के कई देशों में तनाव का माहौल बढ़ गया है। इस हमले को लेकर क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।इजरायल के रक्षा मंत्री ने ईरान को चेताया है कि यदि ईरान ने किसी भी प्रकार से हमला किया, तो इजरायल और उसके नागरिकों को निशाना बनाने वालों पर गंभीर जवाबी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में और हमले हो सकते हैं।
अमेरिका ने हमले से बनाई दूरी
अमेरिकी अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि इजरायल ने यह हमला खुद किया है, और इसमें अमेरिका की कोई भागीदारी या सहायता नहीं रही। अमेरिका ने इजरायल को कोई सैन्य सहयोग भी नहीं दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने दिए थे संकेत
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यह संकेत दिए थे कि मध्य पूर्व के दो देशों में गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने देशों के नाम नहीं लिए, लेकिन उनके बयान से स्पष्ट हुआ कि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि ईरान को परमाणु हथियार किसी भी कीमत पर नहीं दिए जा सकते।
ईरान, इजरायल और अमेरिका के बीच विवाद की जड़ें
ईरान और इजरायल के बीच का विवाद परमाणु हथियारों को लेकर है। अमेरिका और इजरायल का मानना है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है, जबकि ईरान दावा करता है कि वह इसका इस्तेमाल बिजली और चिकित्सा के क्षेत्र में कर रहा है।
JCPOA: परमाणु डील का विवाद
2015 में हुई JCPOA (Joint Comprehensive Plan of Action) डील के तहत ईरान को परमाणु हथियारों के विकास से रोकने का प्रयास किया गया था। हालांकि, अमेरिका ने ट्रंप के कार्यकाल में इस डील से खुद को अलग कर लिया, जिसके बाद तनाव और बढ़ गया।
क्या आगे युद्ध की आशंका?
ईरान पर हुए इस हमले ने क्षेत्रीय युद्ध की संभावना को और गहरा कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों देशों के बीच टकराव और बढ़ा, तो इसका असर पूरे मध्य पूर्व और वैश्विक राजनीति पर पड़ेगा।