Tribal Festival: भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के ट्राइफेड क्षेत्रीय कार्यालय, जयपुर द्वारा आयोजित “आदि महोत्सव 2024” का शुभारंभ शुक्रवार(Tribal Festival) को राज्यपालहरिभाऊ किसनराव बागडे ने जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में किया। 29 नवंबर से 8 दिसंबर तक चलने वाले इस महोत्सव में देशभर के शिल्पकार और कलाकार अपनी संस्कृति और उत्पाद प्रदर्शित कर रहे हैं। राज्यपाल ने बिरसा मुंडा की स्मृति को नमन करते हुए आदिवासी परंपराओं और उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहित करने की अपील की।
प्रधानमंत्री की पहल और जनजातीय गौरव का सम्मान
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हर साल 15 नवंबर को मनाए जाने वाले “जनजातीय गौरव दिवस” को आदिवासी विकास और परंपराओं के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने आदिवासियों की शिक्षा और आजीविका के लिए नए प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
हस्तशिल्प और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आकर्षण
राज्यपाल ने विभिन्न राज्यों के 120 से अधिक स्टॉल्स पर प्रदर्शित उत्पादों, जैसे बगरु प्रिंट, जयपुर ब्लू पॉटरी, डोकरा आर्ट, गोंड पेंटिंग, और लेह-लद्दाख के ऊनी वस्त्रों का अवलोकन किया। साथ ही आदिवासी कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की प्रशंसा की।
200 से अधिक शिल्पकार और देशभर के व्यंजन
महोत्सव में 200 से अधिक शिल्पकार और कारीगर अपने हस्तनिर्मित उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री वन धन विकास केंद्रों के तहत बने जैविक खाद्य उत्पाद और विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजन भी मेले का हिस्सा हैं।
जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा
राजस्थान सरकार के जनजातीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी और महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने “आदि महोत्सव” को “वोकल फॉर लोकल” पहल का अद्भुत उदाहरण बताया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और जनजातीय उत्पादों का उत्सव
आदि महोत्सव में प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न राज्यों की पारंपरिक प्रस्तुतियां शामिल होंगी। यह आयोजन जनजातीय परंपराओं के संरक्षण और विकास की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।