Naresh Meena Bail Rejected: समरावता हिंसा के मामले में नरेश मीणा की जमानत याचिका आज हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसे एसडीएम से केवल धक्का-मुक्की हुई थी और घटना के बाद हुए उत्पात में उसका कोई हाथ नहीं था, (Naresh Meena Bail Rejected)क्योंकि वह पुलिस हिरासत में था। बावजूद इसके, मामले के गंभीर मोड़ पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
उपद्रव के लिए उकसाने का आरोप
राजेश चौधरी ने कोर्ट में नरेश मीणा पर कड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी ने जानबूझकर ग्रामीणों को हिंसा के लिए उकसाया था। वीडियो के जरिए यह साबित हो चुका था कि नरेश मीणा ने अपनी नाराजगी में लोगों को भड़काने का काम किया। इस हिंसा में 27 पुलिसकर्मी घायल हुए और 42 वाहन आग में जल गए। एएजी का कहना था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए नरेश मीणा को जमानत नहीं दी जा सकती।
जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे नरेश मीणा
हालांकि, नरेश मीणा को जमानत मिलने की स्थिति में भी उनकी रिहाई संभव नहीं होती। वह पहले ही एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं और इस मामले की सुनवाई अलग से जारी है। इसके अलावा, पुलिस ने नरेश मीणा के खिलाफ हाईवे रोकने और ईवीएम से छेड़छाड़ के मामले भी दर्ज किए हैं, जिनमें वह अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं।
एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना
यह मामला देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुआ था, जहां गांववालों ने मतदान का बहिष्कार किया था। नरेश मीणा ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था और आरोप लगाया था कि एसडीएम उनपर दबाव डालकर मतदान करवाना चाहते थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया, जिससे विवाद और हिंसा भड़क गई।