‘मजबूरी से दृढ़ता तक’ — मोदी का तर्क
प्रधानमंत्री ने कहा: पूर्व की सरकारें मजबूरी में सुधार करती थीं, अब हम उन्हें दृढ़ विश्वास के साथ करते हैं। अनजान दौर दुनिया के लिए अनिश्चित हो सकता है, लेकिन भारत के लिए यह अवसर है — क्योंकि वह हमेशा जोखिमों को सुधारों में बदलता रहा है।
उन्होंने जोड़ा कि हर सुधार को देश ने दृढ़ता में और हर दृढ़ता को क्रांति में बदल दिया है।
सुरक्षा नीति — संदेश स्पष्ट और कड़ा
मोदी ने सुरक्षा नीति में बदलाव पर ज़ोर देते हुए कहा कि अब भारत हमला सहकर चुप नहीं बैठता। उनके शब्दों में: भारत अब आतंकवादी हमलों के बाद चुप नहीं रहता बल्कि हवाई हमलों, सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए मुंहतोड़ जवाब देता है।
आर्थिक उपलब्धियाँ — चुनौती के बावजूद मजबूती
PM मोदी ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत ने शानदार आर्थिक प्रदर्शन किया है। उन्होंने बताया कि भारत ने ‘फ्रेजाइल 5’ जैसी कमज़ोर अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी छोड़ी है और अब दुनिया की शीर्ष पाँच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।
मोदी ने कहा: जब युद्ध विश्व स्तर पर सुर्खियां बन गए, तब भारत ने सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनकर आलोचकों को गलत साबित कर दिया।
‘अनस्टॉपेबल’ भारत — आत्मविश्वास का अंदाज़
प्रधानमंत्री ने भारत की प्रगति को ‘अनस्टॉपेबल’ करार देते हुए कहा कि दुनिया में जहां-जहां रोडब्लॉक और स्पीड ब्रेकर हैं, वहां भारत की चर्चा स्वाभाविक है। उनके शब्द थे: हम न रुकेंगे और न ही थमेगे — एक सौ चालीस करोड़ भारतीय पूरी गति के साथ एक साथ आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि चिप से लेकर शिप तक, भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास दिखा रहा है।
लोग देश की सबसे बड़ी ताकत
मोदी ने कहा: लोग भारत की सबसे बड़ी ताकत हैं और जब सरकार का कोई दबाव या हस्तक्षेप नहीं होता तो वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
उन्होंने डिजिटल वित्तीय बुनियादी ढांचे की सफलता का हवाला देते हुए कहा कि इससे भारत ने वैश्विक भरोसा और जिम्मेदार साझेदार की छवि बनाई है।