Mathura Janmashtami 2025: मथुरा जन्माष्टमी 2025 इस बार और भी भव्य होने जा रहा है। भगवान श्रीकृष्ण के 5252वें जन्मोत्सव पर 50 लाख से अधिक भक्तों के मथुरा-वृंदावन पहुंचने का अनुमान है। 15 से 17 अगस्त तक शहर की मुख्य सड़कों और गलियों में भव्य शोभायात्राएं निकलेंगी, (Mathura Janmashtami 2025)जिनमें पारंपरिक झांकियां, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिए ब्रज की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।
तीन दिन तक भक्तिमय माहौल
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार, मुख्य जन्माष्टमी उत्सव 16 अगस्त को मनाया जाएगा, लेकिन कार्यक्रमों की शुरुआत 15 अगस्त से ही हो जाएगी। इस दिन स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि से विशेष शोभायात्रा निकलेगी। इसमें राधा-कृष्ण की बाल लीलाओं की झांकियां, फूलों और दीपों से सजे मंदिर, और रंगोली की सुंदर सजावट भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देगी। राजस्थान, हरियाणा और बुंदेलखंड के लोक कलाकार राई, कच्छी घोड़ी और गुजरी नृत्य की झलकियां भी पेश करेंगे।
भक्तों और पर्यटकों के लिए विशेष इंतजाम
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना और गोकुल में भव्य तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी लीलाओं का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकेंगे। Mathura Janmashtami 2025 5 million devotees and security को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। शहर में बड़े-बड़े मंच तैयार हैं, जहां करीब 1,000 कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे।
भजन संध्या और आध्यात्मिक अनुभव
इस्कॉन मंदिर और बरसाना के राधा रानी मंदिर में भजन मंडलियां भक्ति संध्या के जरिए श्रद्धालुओं को भाव-विभोर करेंगी। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम के अनुसार, जन्माष्टमी केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि ब्रज की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। पर्यटन विभाग देश-विदेश से आने वाले भक्तों और पर्यटकों के स्वागत के लिए सभी सुविधाएं सुनिश्चित कर रहा है। मथुरा-वृंदावन का यह तीन दिन का उत्सव हर आगंतुक को भक्ति, आनंद और अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव से भर देगा।